शहडोल. निर्माण कार्यों में अनियमितता और लापरवाही बरतने के कारण कलेक्टर नरेश पाल ने चार संविदा उपयंत्रियों की सेवाएं समाप्त करने के लिए नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने जिले में मनरेगा सहित अन्य योजनाओं के निर्माण कार्यों में अपेक्षित प्रगति नहीं होने पर तथा उपयंत्रियों द्वारा अपेक्षित लक्ष्य पूर्ण नहीं करने पर संविदा उपयंत्री कन्हैयालाल सोलंकी, नेहा सिंह, संविदा उपयंत्री नोखेलाल गुप्ता, संविदा उपयंत्री हीरामन मरावी के विरुद्ध कार्रवाई करने को कहा है। कलेक्टर ने निर्देशित करते हुए कहा है कि जिले के सोहागपुर जनपद पंचायत के उपयंत्री विजेंद्र द्विवेदी, रूपेश सिन्हा, मनोज शुक्ला, रामचंद्र कुशवाहा, पुष्पांजलि तिवारी, जयसिंहनगर विकास खण्ड के उपयंत्री अलकेश सिंह, गोविंद सिंह चौहान, सनत लाल बघेल, तेज सिंह, गोहपारू जनपद पंचायत के उपयंत्री नीलिमा श्रीवास्तव, सीताशरण शुक्ला, बुढ़ार जनपद पंचायत के उपयंत्री रेखा रहंगडाले एवं अन्य उपयंत्रियों की निर्माण कार्यों में प्रगति ठीक नहीं है। कलेक्टर ने चेतावनी देते हुए कहा कि जिले के सभी उपयंत्री अपनी स्थिति में सुधार करें, अभियान चलाकर निर्माण कार्यों को पूर्ण कराएंअन्यथा ऐसे सभी उपयंत्रियों के विरुद्ध सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। कलेक्टर ने कहा कि जिले के सभी उपयंत्रियों को और सहायक यंत्रियों को निर्माण कार्य करना होगा और निर्माण कार्य समय पर पूर्ण करना होगा। उन्होने कहा कि उपयंत्री ग्राम पंचायतों के सचिवों और
रोजगार सहायक पर भी समुचित नियंत्रण रखें और निर्माण कार्य पूर्ण कराएं। कलेक्टर ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि निर्माण कार्यों में किसी भी प्रकार की अनियमितता की शिकायत नहीं मिलनी चाहिए। कलेक्टर ने उक्त निर्देश निर्माण कार्यों की जिला स्तरीय समीक्षा बैठक में दिए। कलेक्टर ने जयसिंहनगर विकास खण्ड में बड़ी संख्या में निर्माण कार्य संचालित होने के बावजूद निर्माण कार्यों के सीसी जारी नहीं होने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की तथा निर्देशित किया कि कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र जब तक प्राप्त नहीं हो जाता तब तक जनपद पंचायत जयसिंहनगर के सभी उपयंत्रियों के वेतन रोकी जाए। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि जिले के जयसिंहनगर विकास खण्ड और ब्यौहारी विकास खण्डों को अकालग्रस्त घोषित किया है। उक्त विकास खण्डों में वृहद स्तर पर निर्माण कार्य संचालित कर मजदूर वर्ग के लोगों को मजदूरी का भुगतान किया जाए। सीइओ जिला पंचायत एस.
कृष्ण चैतन्य ने बताया कि जिले में वर्ष 2016-17 मे मनरेगा के तहत 78.77 करोड़ रुपए की राशि व्यय की गई है, जिसमें लगभग 35 लाख मानव दिवसों का रोजगार मुहैया कराया गया है।