शिक्षा समिति घोटाला: पहले जांच कराई, देरी हुई तो रिमाइंडर भी लिखा, गड़बड़ी सामने आई तो फिर दबा दी फाइल
संयुक्त आयुक्त विकास ने दो माह पहले मांगी थी रिपोर्ट
Scam: कागजों में बंटता रहा पोषाहार, कर्मचारियों ने किया 50 लाख का घोटाला,
जांच कराई, रिपोर्ट में देरी हुई तो रिमाइंडर लिखा, अब कार्रवाई में देरी
शहडोल. शिक्षा समिति के नाम पर शिक्षकों के एरियर में फर्जी भुगतान और छात्र-छात्राओं की उपस्थिति में करोड़ों रुपए के हेरफेर की जांच में वित्तीय अनियमितता उजागर होने के बाद भी कार्रवाई अटकी है।
एक माह से ज्यादा समय बीतने को है लेकिन अब तक शिक्षा समिति के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। दरअसल कमिश्नर कार्यालय ने कलेक्टर शहडोल को रिमाइंडर लिखते हुए जून 2022 में 7 दिन के भीतर रिपोर्ट मांगी थी। संयुक्त आयुक्त विकास ने कलेक्टर को पत्र लिखते हुए कहा था कि 15 फरवरी 2022 को अपर कलेक्टर अर्पित वर्मा की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय जांच टीम द्वारा कार्रवाई की जा रही है, जो प्रचलन में है लेकिन जांच कमेटी की रिपोर्ट आए बिना ही लोकायुक्त कार्यालय गलत रिपोर्ट भेजने की शिकायत पहुंची है। मामले में तथ्यामक प्रतिवेदन 7 दिन के भीतर मंगाया गया था। दरअसल शिक्षा समिति में शहडोल में करोड़ों रुपए का हेरफेर के आरोप लगे थे। लोकायुक्त भी जांच कर रही थी। मामले में शुरू से ही अधिकारी पर्दा डालने में जुटे रहे। पहले जांच ही नहीं कराई बाद में लोकायुक्त ने रिमाइंडर लिखा तो कलेक्टर ने अपर कलेक्टर को जांच अधिकारी बनाते हुए रिपोर्ट मांगी थी। अपर कलेक्टर की जांच रिपोर्ट में गड़बड़ी उजागर हुई तो अधिकारियों ने अपर कलेक्टर की टीम की रिपोर्ट न भेजते हुए पूर्व में क्लीनचिट दी हुई रिपोर्ट को लोकायुक्त को भेज दिया था। जिसके बाद कमिश्नर तक शिक्षा समिति मामले की गलत रिपोर्ट लोकायुक्त को भेजने की शिकायत पहुंची थी। बाद में कमिश्नर कार्यालय ने अपर कलेक्टर द्वारा की गई जांच का प्रतिवेदन मंगाया था।