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मासूमों को दागने से बचाने की कमान चुनाव आयोग ने थामी

locationशाहडोलPublished: Oct 20, 2018 02:48:52 pm

Submitted by:

shivmangal singh

बीमार होने पर गर्म लोहे से मासूमों को दागा जाता था, दो बच्चों की दागने से हो चुकी है मौत

shahdol

मासूमों को दागने से बचाने की कमान चुनाव आयोग ने थामी

शहडोल. संभाग के आदिवासी अंचलों में मासूमों को गर्म लोहे से दागने से बचाने की मुहिम को अब स्वीप प्लान में भी शामिल किया गया है। स्वीप प्लान के तहत अधिकारी कर्मचारी गांव- गांव पहुंचकर जहां ग्रामीणों को मतदान में भूमिका निभाने की अपील करेंगे, वहीं दूसरी ओर ग्रामीणों को अंधविश्वास में रोकथाम के प्रति भी जागरूक करेंगे। गुरूवार को मतदाता जागरूकता को लेकर आयोजित बैठक में भी कलेक्टर अनुभा श्रीवास्तव ने स्वीप प्लान के साथ गांव- गांव पहुंचकर अंधविश्वास के प्रति जागरूक करने की बात कही। कलेक्टर ने बताया कि ग्रामीण अंचलों में लगातार स्वीप प्लान की गतिविधियां चल रही हैं। इसमें अधिकारियों द्वारा ग्रामीणों को लोकतांत्रिक व्यवस्था में बढ़ चढ़कर निष्पक्ष और निर्भीक होकर मतदान को लेकर जागरूक कर रहे हैं। इसी कड़ी में गांवों में फैले अंधविश्वास को लेकर भी जागरूक करने के निर्देश दिए गए हैं। स्वीप प्लान के साथ साथ अधिकारी और कर्मचारी गांव गांव का दौरा कर रहे हैं और ग्रामीणों को अंधविश्वास के प्रति जागरूक कर रहे हैं। इस अभियान में जागरूकता कार्यक्रम के साथ गांवों में अधिकारियों की चौपाल भी लगाई जा रहीहै।
अधिकारियों को भी मिल रहे दागने के मामले
अधिकारियों के दौरे में भी भी मासूमों को दागने के मामले मिल रहे हैं। हाल ही में महिला बाल विकास के कार्यक्रम अधिकारी ने कुछ गांवों का विजिट किया, जहां पर भी ये बात सामने आई कि पूर्व में मासूमों को अलग अलग तरह से बीमार होने पर दागा जाता था। उधर डिप्टी कलेक्टर पूजा तिवारी ने झगरहा में जाकर जागरूक किया था, जहां पर कई वृद्ध महिलाओं ने मासूमों को दागने की कुप्रथा स्वीकार की थी।
पत्रिका का मुद्दा, स्पेशल टास्क फोर्स भी बनी
गांवों तक लचर स्वास्थ्य सुविधाएं की हकीकत यह है कि सांस लेने और अन्य बीमारी होने पर मासूमों को गर्म लोहे से दाग दिया जाता है। हाल ही में डेढ़ माह के नवजात को गर्म लोहे से दाग दिया गया था, जिससे संक्रमण फैलने के बाद नवजात की मौत हो गई थी। मामले में कमिश्नर और कलेक्टर ने तत्काल मामले को संज्ञान में लेकर एक्शन मोड़ में बैठके ली। अधिकारियों से जबाव मांगा और अब मैदानी स्तर पर सुधार लाने के लिए टीम और अभियान की शुरूआत की है। उधर कलेक्टर अनुभा श्रीवास्तव ने भी स्पेशल टास्क फोर्स बनाकर तत्काल सात अधिकारियों को शामिल करते हुए बैठक ली थी। हाल ही में दागने से दो बच्चो ंकी मौत हो चुकी है और आदिवासी अंचलों में 70 फीसदी मासूम दागने का दर्द झेल चुके हैं।


आदिवासी अंचलों में अंधविश्वास के साथ मासूमों को दागने के मामले सामने आ रहे थे। मतदान के प्रति जागरूक करने के लिए गांव- गांव स्वीप प्लान के तहत अभियान चलाया जा रहा है। जिसमें अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि मतदान के प्रति जागरूक करने के साथ ही ये भी बताएं कि बच्चों को दागना गलत है। बीमारी की स्थिति में बच्चों को इलाज कराएं और नजदीकी अस्पतालों में डॉक्टरों से सलाह लें
अनुभा श्रीवास्तव, कलेक्टर शहडोल।

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