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कर्मचारियों का पूरा समय तो आने-जाने में खर्च हो जाता है काम कब करें

locationशाहडोलPublished: Jan 15, 2019 08:01:04 pm

Submitted by:

shivmangal singh

कर्मचारियों को रहने के लिए नहीं बने आवास, अप-डाउन कर्मचारियों के भरोसे हो रही क्षेत्र की जनता की सेवा, जनपद स्तरीय दर्जन भर कार्यालय संचालित

shahdol

कर्मचारियों का पूरा समय तो आने-जाने में खर्च हो जाता है काम कब करें

शहडोल/ गोहपारू . संभागीय मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर तहसील मुख्यालय गोहपारू में जनपद स्तरीय दर्जन भर से अधिक शासकीय कार्यालय संचालित है। जिसमे दो सौ से अधिक कर्मचारी काम कर रहे है।
लेकिन उनके निवास के लिए शासकीय आवास पर्याप्त सख्या में नहीं बनाए गए है। जिसके कारण सैकड़ों कर्मचारी दूर दराज से रोज अव-डाउन कर नौकरी कर रहे है। जिससे जहां कर्मचारियों के कार्यालय में पहुंचने में लेट-लतीफी हो रही है।,वही क्षेत्र की आम जनता का शासकीय दफ्तरों में कार्य प्रभावित हो रहा है।गोहपारू महसील मुख्यालय में जनता की सुविधा को देखते हुए अधिकांश शासकीय विभागों के कार्यालय खुले हुए है। जिसमे तहसील, जनपद, थाना, बीईओ, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र , कालेज, आईटीआई, हायर सेंकड्री स्कूल मुख्य रूप से शामिल है। लेकिन इन संस्थों में शासकीय सेवा देने वाले कर्मचारियों को गोहपारू में रहने के लिए पर्याप्तआवास नहीं बनाए गए है। जिसके कारण कर्मचारियों को रोज अप-डाउन करके नौकरी करनी पड़ रही है। जिससे विकास के कार्य प्रभावित हो रहे है। बताया गया है कि गोहपारू में काम करने वाले अधिकांश कर्मचारी जयसिंहनगर, ब्यौहारी, शहडोल या फिर ग्रामीण इलाके में रहते है। जो बस व अन्य साधनों से कार्यालय आते-जाते है। जिसकी वजह से समय पर काया्रलय नहीं पहुंच पाते। क्षेत्र के जरुरत मंद कार्यालय में बैठे कर्मचारियों का इंतजार करते रहते है। जहां अधिकांश कर्मचारी 12 बजे तक दफ्तर पहुंच पाते है।
अप-डाउनर पर निर्भर अधिकांश स्कूल
जनपद गोहपारू अतर्गत ग्रामीण आंचलों की स्कूले समय नहीं खुलती। जिसकी वजह अधिकांश शिक्षक संभागीय मुख्यालय से अप-डाउन कर स्कूलों में शिक्षकीय कार्य कर रहे है। जनपद क्षेत्र की 50 से अधिक पंचायत क्षेत्रोंं की स्कूलों में आधे से अधिक शिक्षक रोज अप-डाउन करने वाले है। जिनकी निगरानी करने का शिक्षा विभग के पास समय नहीं है। रोज अपडाउन करने वाले शिक्षक मनमर्जी से स्कूल आते-जाते है। जिसका असर छात्र-छात्रामों के शैक्षणिक काय्र पर पड़ रहा है। जिसके चलत शासकीय प्राथमिक स्कूलों मे हर वर्ष छात्र संख्या घट रही है। क्षेत्र की अधिकांश प्राथमिक विद्यालय माध्याह भोजन के बल पर चल रही है। शिक्षको की अपडाउन से शिक्षकीय कार्य पटरी से उतरता जा रहा है। जिस पर शिक्षा विभाग अंकुश लगाने में असफल होरहा है।

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