नगरपालिका कर्मचारियों द्वारा की जा रही 11 जुलाई से नियमितीकरण और सातवें वेतनमान सहित अन्य मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल अन्तत: शासन के पत्र के बाद 19 जुलाई को समाप्त हो गई। नपा के हड़ताल कर्मचारियों को घुटने टेकने पड़े और कार्रवाई के डऱ से कर्मचारियों ने हड़ताल समाप्त करते हुए गुरूवार को कार्यालयीन कामकाज के साथ नगर की सफाई व्यवस्था का कार्य शुरू कर दिया। इस मामले को लेकर नगरपालिका के 2007 के भर्ती दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी नियमितीकरण की मांग को लेकर काम बंद अनिश्चित कालीन हड़ताल कर रहे थे। इन मांगों को लेकर हडताली कर्मचारियों ने 18 जुलाई को संचालनालय नगरीय प्रशासन का घेराव भी किया था, इसके बाद शासन ने हड़ताल को नियमों और सेवाओं के विरुद्ध की गई कार्रवाई मानते हुए नपा के हड़ताली कर्मचारियों के विरुद्ध पुलिस में मामला दर्ज कराने के साथ ही दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के विरुद्ध सेवा समाप्ति करने के आदेश जारी किए हैं।
शासन ने लिखा कार्रवाई करने पत्र-
नगरपालिका कर्मचारियों द्वारा की जा रही हड़ताल को शासन ने गंभीरता से लेते हुए कड़ा रुख अपनाते हुए 18 जुलाई को सीएमओ को पत्र लिखा है। शासन द्वारा लिखे गए पत्र में कहा गया है कि पेयजल और स्वच्छता कार्य को अत्यावश्यक सेवा घोषित किया गया है। संचालनालय द्वारा पूर्व में अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखा गया था। इसलिए अनाधिकृतरूप से हड़ताल पर नगरीय निकाय के नियमित सेवकों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई संस्थित की जाए, तथा संविदा कर्मचारियों और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के विरुद्ध सेवा समाप्ति की कार्रवाई की जाए।
पुलिस में दर्ज कराओ आपराधिक मामला-
शासन द्वारा सीएमओ को लिखे गए पत्र में स्पष्ट कहा गया है कि मध्यप्रदेश आवश्यक सेवा संचारण तथा विच्छिन्नता निवारण अधिनियम1979 के प्राचवधानों के तहत हड़ताल पर गए कर्मचारियों के विरुद्ध आपराधिक मामला दर्ज कराने की कार्रवाई करने के बाद शासन को 20 जुलाई तक अवगत कराया जाए। इस आदेश के बाद 2007 से 2017 तक भर्ती किए गए लगभग 137 कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त होने का खतरा पैदा हो गया है।
आया है आदेश
शासन द्वारा हड़ताली कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए पत्र जारी किया गया है, लेकिन पत्र अभी नहीं मिला है, पत्र आने के बाद आदेश का पालन कराया जाएगा।
एके तिवारी, सीएमओ नपा शहडोल