शाहडोलPublished: May 12, 2023 12:39:32 pm
Ramashankar mishra
जिला सत्र न्यायालय में दिया गया साइबर जागरूकता प्रशिक्षण
शहडोल. जिला सत्र न्यायाधीश महेंद्र कुमार जैन की अध्यक्षता में न्यायधीश एवं जिला न्यायालय के समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों को साइबर जागरूकता के संबंध में आईटी एनआईसी के वरिष्ठ निदेशक अरविंद कुमार चौधरी, साइबर पुलिस प्रभारी अमित दीक्षित एवं एनआईसी डीआरएम ओम जायसवाल ने प्रशिक्षण देकर जानकारी प्रदान की। इस दौरान आईटी एनआईसी ने बताया कि साइबर अपराध एक आपराधिक कृत्य है, जो इंटरनेट के माध्यम से कम्प्यूटर के उपकरण या किसी अन्य स्मार्ट उपकरणों के रूप में इस्तेमाल करते हुए अंजाम दिया जाता हैं। साइबर अपराध की बात आती है, तो इसे इंटरनेट से किए गए अपराध के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। साइबर अपराध, साइबर अपराधियों द्वारा किया जाने वाला दंडनीय अपराध है। उन्होंने बताया कि साइबर अपराध वर्तमान परिदृश्य में इंटरनेट के माध्यम से किया जाने वाला सबसे प्रचलित अपराध बन चुका है। उन्होंने अपराधों से बचने के लिए उपाय बताए। उन्होंने कहा कि सतर्कतापूर्ण व्यवहार और सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन केवल एक सहायक उपकरण की तरह है जो साइबर अपराध की घटनाओं पर कुछ हद तक काबू पा सकते हैं। एनआईसी डीआरएम ने बताया कि साइबर अपराध को इंटरनेट और कंप्यूटर के अवैध उपयोग के रूप में उल्लेखित किया जा सकता है। कंप्यूटर अपराधों का माध्यम हैं या फिर अपराध के लिए एक हथियार के रूप में उपयोग किया जाता है। हर दिन कोई न कोई व्यक्ति साइबर अपराध का शिकार हो रहा है। विभिन्न प्रयोजनों के लिए एक ही समय में कई लोग इंटरनेट का उपयोग करते हैं। हैकर्स इन अवसरों को अपना रास्ता बनाते हैं। इस दौरान साइबर पुलिस प्रभारी ने भी साइबर जागरूकता, बचाव एवं उपयोग के संबंध में प्रशिक्षण में जानकारी दी। इस दौरान प्रधान न्यायधीश कुटुंब न्यायालयप्रतिभा साठवणे, जिला एवं सत्र न्यायाधीश आमोद आर्य, जिला एवं अपर सत्र न्यायधीश प्रिवेंद्र कुमार सिंह, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रीति साल्वे, न्यायधीश वरिष्ठ खंड रविंद्र कुमार धुर्वे, न्यायधीश वरिष्ठ खंड मधुसूदन जांघेल, न्यायधीश वरिष्ठ खंड अजय कुमार सिंह, ऋषभ डोंनल सिंह सहित अन्य न्यायाधीश एवं अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।