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डायलिसिस के लिए अस्पताल में हर दिन भटक रहे मरीज, दो में एक मशीन हो गई खराब

locationशाहडोलPublished: Dec 05, 2019 08:37:58 pm

Submitted by:

shubham singh

संभाग की सबसे बड़ी अस्पताल होने के बाद भी नहीं हैं पर्याप्त सुविधाएं

Everyday patients wandering in hospital for dialysis

डायलिसिस के लिए अस्पताल में हर दिन भटक रहे मरीज, दो में एक मशीन हो गई खराब

शहडोल। संभाग की सबसे बड़ी अस्पताल की डायलिसिस यूनिट इन दिनों खुद वेंटिलेटर में है। डायलिसिस यूनिट को चार मशीन की जरूरत है लेकिन अस्पताल प्रबंधन के पास सिर्फ दो मशीन हैं। इन दो मशीनों में सिर्फ एक मशीन से डायलिसिस हो रही है, जबकि दूसरी मशीन पिछले काफी दिन से बंद है। एक मशीन पर ही 50 मरीजों के डायलिसिस का भार है।


डायलिसिस के लिए मरीजों को लम्बा इंतजार करना पड़ रहा है। कई मरीज मजबूरन निजी अस्पतालों में जाने के लिए मजबूर हैं। यहां पर महंगे दामों पर मरीजों की डायलिसिस की जा रही है। डॉक्टरों का भी कहना है कि डायलिसिस के लिए मशीन कम पड़ रही है। मरीज ज्यादा होने से इंतजार करना पड़ता है। मरीजों की संख्या को देखकर जिला अस्पताल में डायलिसिस के लिए कम से कम चार मशीनों की जरूरत है। अभी दो मशीनों से काम चलाया जा रहा है। इसका खामियाजा गरीब मरीजों को भुगतना पड़ रहा है।
निजी अस्पतालों में लेते हैं तीन हजार
डायलिसिसिस के एक मरीज का सप्ताह में दो बार डायलिसिस कराना जरूरी है। एक मरीज का तब तक डायलिसिस होता है जब तक वह जीवित है या फिर उसकी किडनी ट्रांसप्लांट नहीं हो जाती है। मरीजों को बाहर में डायलिसिस कराने पर एक बार में करीब 25 सौ से लेकर 3 हजार रुपए तक लग जाते हैं।


चार जिलों के अलावा छग तक के मरीज
संभाग की सबसे बड़ी अस्पताल होने के चलते शहडोल संभाग के अलावा डिंडौरी और छत्तीसगढ़ तक से मरीज यहां बेहतर इलाज की आस में पहुंचते हैं। आसपास के जिलों में डायलिसिस यूनिट तो है लेकिन यहां से मरीजों को कई बार शहडोल भेज दिया जाता है। शहडोल, उमरिया, अनूपपुर और डिंडौरी के अलावा छत्तीसगढ़ के कोरिया तक से मरीज यहां आते हैं। आपात स्थिति में शहडोल में ही डायलिसिस करनी पड़ती है।


तीन साल पहले शुरू हुई यूनिट
जिला अस्पताल में डायलिसिस यूनिट 26 मई साल 2016 में शुरूआत हुई थी। जिला अस्पताल में डायलिसिस के मात्र दो मशीन है। डायलिसिस कराने के लिए 50 मरीज पंजीकृत है। हर दिन 4 मरीजों का डायलिसिस होता है, ऐसे में सभी मरीजों का डायलिसिस नहीं हो पा रहा है। किसी न किसी मरीज का डायलिसिस छूट जाता है। अगर मरीज बढ़ जाएंगे तो यह दिक्कत और बढ़ जाएगी। उस समय दो मशीनों को डायलिसिस के लिए लगाया गया तब से लेकर आज तक दो ही मशीन हैं। अस्पताल प्रबंधन की मानें तो मशीनों को बढ़ाने का प्रयास करेंगे।

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