कोरोना से मेडिकल कॉलेज में संभाग के 59 मरीजों की मौत
मेडिकल कॉलेज में अब तक संभाग के 59 मरीजों की मौत हो चुकी है। हर सप्ताह मरीजों की मौत हो रही है। प्रबंधन के अनुसार, मरीज भी कोरोना को लेकर लापरवाही बरत रहे हैं। हालत बिगडऩे के बाद मेडिकल कॉलेज आ रहे हैं। हाइरिस्क मरीज होने के चलते सीधे आइसीयू में भर्ती किया जा रहा है। अब आने वाले अधिकांश मरीज हाइरिस्क शामिल हैं। इसके चलते कई मरीजों को बचा पाना मुश्किल रहता है।
54-54 सौ के मंगाए इंजेक्शन, पूछने पर डॉक्टर, कहते थे- खुद लगा लो
बुढ़ार के कॉलेज कॉलोनी निवासी अजय प्रजापति 39 वर्ष की हाल ही में मेडिकल कॉलेज में मौत हुई थी। अजय के भाई कृष्ण कुमार प्रजापति के अनुसार, ऑक्सीजन लगाकर छोड़कर चले जाते थे। कोई देखने नहीं आता था। 54 – 54 सौ के छह इंजेक्शन मंगाए थे। प्रबंधन कहता था बुखार कम करने के लिए लगाएंगे। कई अन्य इंजेक्शन भी मंगाया गया था। भाई बताता था, कि खाना नहीं दिया जा रहा है। डॉक्टर नहीं आ रहे हैं। विरोध करने पर प्रबंधन से विवाद की स्थिति बनती थी। डॉक्टर्स कहते थे, खुद इलाज कर लो। भाई के इलाज में बड़ी लापरवाही हुई है। प्रशासन और अधिकारियों को मौत के मामलों में जांच करानी चाहिए।
इलाज करने नहीं आते थे डॉक्टर, विरोध पर कहते थे घर ले जाओ
अनूपपुर फुनगा निवासी लालचन्द्र अग्रवाल का देहांत मेडिकल कॉलेज शहडोल में हुआ था। वे कोरोना पॉजिटिव रहे हैं। पुत्र ओमप्रकाश अग्रवाल ने चिकित्सा सुविधाओं को लेकर आरोप लगाए हैं। ओमप्रकाश अग्रवाल के अनुसार, बाहर से किसी तरह हाथ जोड़कर छह इंजेक्शन खरीदे थे। हालत बिगडऩे पर डॉक्टरों से बात करते थे। इलाज न मिलने पर आपत्ति करते थे तो कहा जाता था कि घर ले जाओ। समय पर डॉक्टर नहीं आते थे। बार्डवाय इलाज करने जाते थे। प्रबंधन द्वारा बाहर से इंजेक्शन मंगाया जाता था। पिता के इलाज में कई स्तर पर लापरवाही बरती गई है। इसकी कई जनप्रतिनिधियों से भी शिकायत की है।