दीपावली के समय बढ़ जाती है बच्चों को सलाखों से दागने की प्रथा, कलेक्टर ने उठाया यह कदम
ग्राम पंचायतों को लिखा पत्र, अधिकारी कर्मचारी भी करेंगे सहयोग
दीपावली के समय बढ़ जाती है बच्चों को सलाखों से दागने की प्रथा, कलेक्टर ने उठाया यह कदम
शहडोल. अंधविश्वास के फेर में आदिवासी अंचलों में बच्चों को दागने की कुप्रथा दशहरा और दीपावली के बाद फिर जोर पकड़ लेती है। बच्चों के साथ क्रूरता को रोकने की दिशा में कलेक्टर उमरिया स्वरोचिष सोमवंशी ने दोबारा सभी ग्राम पंचायतों को पत्र लिखा है। कलेक्टर ने ग्राम पंचायतों को पत्र लिखते हुए कहा है कि पूर्व में भी दगना के खिलाफ ऑपरेशन संजीवनी चलाया गया था, जिसमें सबका बेहतर योगदान था। दशहरा और दीपावली के बाद से आदिवासी समुदाय में बच्चों को दागने की कुप्रथा तेज हो जाती है। सभी अपने अपने क्षेत्र की सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक परिवेश एवं रीति रिवाज से परिचित हैं। समाज की इस कुप्रथा के खिलाफ सबको आगे आकर लडऩा होगा। इसमें अन्य विभागों के अधिकारी कर्मचारियों का भी पूरा सहयोग मिलेगा। कलेक्टर ने कहा कि दगना के खिलाफ धारा १४४ लागू करने के अलावा कई जगहों में एफआइआर भी दर्ज की गई है। अंधविश्वास को बढ़ावा देने वाले ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
इनका कहना है
दगना के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है। धारा १४४ भी लागू है। दशहरा और दीपावली से दागने की कुप्रथा बढ़ जाती है। इस पर नजर रखने ग्राम पंचायतों को कहा गया है। ग्राम पंचायत स्तर पर पूर्व में भी काफी सहयोग मिला था। ग्राम स्तर पर मॉनीटरिंग होने से रोकथाम की दिशा में काफी असर पड़ेगा।
स्वरोचिश सोमवंशी, कलेक्टर उमरिया
Home / Shahdol / दीपावली के समय बढ़ जाती है बच्चों को सलाखों से दागने की प्रथा, कलेक्टर ने उठाया यह कदम