पांच माह का वेतन और चार साल का पीएफ बांकी, सुरक्षा कर्मियों ने बंद किया काम
शाहडोलPublished: Oct 26, 2021 08:49:26 pm
जिला चिकित्सालय की सुरक्षा व्यवस्था ठप, ३१ अक्टूबर को समाप्त हो जाएगा ठेका
जिला चिकित्सालय की सुरक्षा व्यवस्था ठप, ३१ अक्टूबर को समाप्त हो जाएगा ठेका
पांच माह का वेतन और चार साल का पीएफ बांकी, सुरक्षा कर्मियों ने बंद किया काम
जिला चिकित्सालय की सुरक्षा व्यवस्था ठप, ३१ अक्टूबर को समाप्त हो जाएगा ठेका
शहडोल. पांच माह से बिना वेतन के जिला चिकित्सालय की सुरक्षा व्यवस्था संभाल रहे सुरक्षाकर्मियों ने मंगलवार से अपने हाथ खड़े कर दिए है। वेतन के साथ ही पीएफ की राशि न मिलने से परेशान सुरक्षाकर्मियों ने काम बंद कर पुलिस अधीक्षक के समक्ष अपनी पीड़ा बयां की है। वहीं सुरक्षा कर्मियों के काम बंद करने की वजह से जिला चिकित्सालय की व्यवस्था लडख़ड़ाने लगी है। सुरक्षाकर्मियों का कहना है कि ठेकेदार द्वारा न तो वेतन का भुगतान किया जा रहा है और न ही पीएफ नंबर के संबंध में कोई जानकारी दी जा रही है। वेतन न मिलने की वजह से उनके सामने आर्थिक संकट आन खड़ा हुआ है। अब जब दीपावली त्योहार नजदीक है ऐसे में भी उनके वेतन का भुगतान नहीं हो रहा है। जिसके चलते अब उन्हे परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
समाप्त हो जाएगा अनुबंध, कौन करेगा भुगतान
सुरक्षा कर्मियों का कहना है कि आगामी ३१ अक्टूबर को सुरक्षा कंपनी का अनुबंध समाप्त हो रहा है। जबकि उनका अभी पांच माह के साथ ही पीएफ के संबंध में किसी भी प्रकार का भुगतान नहीं किया गया है। कंपनी का अनुबंध समाप्त होने के बाद उनके वेतन का भुगतान कौन करेगा यह सबसे बड़ी समस्या है। जिसे लेकर सभी सुरक्षा कर्मी परेशान है। सभी ने पुलिस अधीक्षक से मांग की है कि समय रहते उनके वेतन का भुगतान किया जाए साथ ही पीएफ की समस्या का भी समाधान कराया जाए।
२४ सुरक्षा कर्मी दे रहे सेवा, सभी का भुगतान लटका
जानकारी के अनुसार २४ सुरक्षा कर्मी जिला चिकित्सालय की सुरक्षा व्यवस्था संभाल रहे हैं। जिनमें से १४ सुरक्षाकर्मी पूर्व से ही तैनात हैं जिन्हे पांच माह से वेतन का भुगतान नहीं हुआ वहीं १० नए सुरक्षाकर्मियों का चार माह का वेतन अभी नहीं मिला। वहीं उक्त सुरक्षा कर्मियों के पीएफ नंबर को लेकर भी अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है। जिसके चलते इनका पीएफ भी अधर में लटका हुआ है।
बिगड़ेगी अस्पताल की व्यवस्था
जिला चिकित्सालय की सुरक्षा के साथ ही अन्य कार्यों में भी सुरक्षा कर्मी सहयोग करते थे। जिला चिकित्सालय में मरीजों की संख्या बढऩे पर उन्हे व्यवस्थित करने के साथ ही ओपीडी व अन्य वार्डो में समुचित व्यवस्था बनाने में यह सुरक्षा कर्मी महती भूमिका निभाते थे। ऐसे में अब जब वेतन न मिलने की वजह से काम बंद कर दिया है तो जिला चिकित्सालय की व्यवस्था बिगडऩा तय है।