बालिका घर पहुंची
देर शाम बालिका पिता के साथ घर पहुंच गई। बालिका को लाने के लिए पुलिस अमला सुबह पिता को साथ लेकर शहडोल रवाना हो गया था। उधर सक्रिय प्रशासन ने चेहरा बचाने के लिए बालिका के रहली स्थित झोपड़े के सामने डेरा डाल दिया था। चोरी के आरोप में बालिका को शहडोल भेजने के बाद मामला गर्माया और सीएम ने भी संज्ञान लिया। बाद में घर पहुंचे अफसरों ने भी माना कि वास्तव में उस परिवार की स्थिति काफी खराब है। बाद में अधिकारियों ने कई व्यवस्थाएं उपलब्ध कराईं। दरअसल रहली की 12 वर्षीय बालिका पर टिकीटोरिया की पहाड़ी पर स्थित दुर्गा मंदिर की दान पेटी से रुपए निकालने का आरोप था। मंदिर प्रबंधन की शिकायत पर सागर रहली पुलिस ने जांच शुरू कर सीसीटीवी फुटेज से बालिका की पहचान की और 27 सितंबर को उसके झोपड़े पर जाकर हिरासत में ले लिया था । जज के नहीं होने के कारण उसे शहडोल सुधार गृह भेज दिया गया। सोमवार को किशोर न्यायालय ने जमानत मंजूर कर दी गई थी।
नहीं थी चोरी की नीयत, सीएम ने पहुंचाई सुविधाएं
बालिका का कहना था कि वह चोरी की नीयत से मंदिर नहीं गई थी। बालिका के अनुसार 21 सितंबर को वह 10 किलो गेहूं आटा चक्की में रख आई थी। वापस गई तो चक्की संचालक ने गेहूं नहीं लाने की बात कहकर लौटा दिया। भाईयों के भूखे होने से परेशान होकर वह मंदिर गई थी। कुछ नहीं सूझा तो 250 रुपए दान पेटी से निकाल लिए। उसी पैसे से 180 रुपए में गेहूं खरीदा और पिसवाकर घर लौट आई। बाकी 70 रुपए उसने झोले में रख लिए थे। सागर की रहली पुलिस ने जब्ती बनाकर बालिका पर चोरी और गृहभेदन का मुकदमा दर्ज कर किशोर न्यायालय में पेश किया था और शहडोल सुधार गृह भेज दिया था। उधर सीएम मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर गरीब परिवार को एक लाख रुूपए की आर्थिक सहायता और सरकारी योजनाओं का लाभ प्रदान करने, बच्चों की पढ़ाई की व्यवस्था व राशन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे, जिसके बाद अफसर सक्रिय हो गए।