कम्प्यूटर पर देखी ऑन लाइन रिपोर्ट की कार्य प्रणाली
ऑफिस: जिला खनिज विभाग अनूपपुर।
बिटिया का नाम: आद्रिका शांडिल्य
पिता का नाम: राहुल शांडिल्य
अब समझ में आया है कि यह काम कितना कठिन है। मैं तो हमेशा से पापा जिद करती थी कि जल्द काम पूरा कर घर आ जाया करो। आज पापा के साथ ऑफिस पर जाकर समझ में आ रहा है कि कितना मुश्किल भरा है। आज पता चला है कि पापा देर रात क्यों घर वापस लौटते हैं। दिन-भर रेत, पत्थर, कोयला सहित अन्य माइनिंग का वितरण तथा कम्प्यूटर में उसकी जांच विवेचना सहित अन्य महत्वपूर्ण जानकारियों की जानकारी अपडेट फीडिंग के साथ अधिकारियों को भेजना, कितना महत्वपूर्ण है। खदान लेने वाले आवेदकों की समस्या देखना, खदान की व्यवस्था देखना, सलाह देना और बारीकि से जांच पड़ताल करना, सभी बातों का ध्यान रखना पड़ता है। इस दौरान बेटी ने पिता से कई सवाल भी पूछे। यहां पर बेटी ने खुद पिता के कम्प्यूटर में फीड जांच प्रतिवेदन और महत्वपूर्ण जानकारियों का भी आंकलन किया।
पुत्री आद्रिका शांडिल्य
कम्प्यूटर पर सर्च की साईंस विषयक सम्बंधी जानकारी
ऑफिस: लाइब्रेरी कक्ष
बिटिया का नाम: अनुभूति सिंह
पिता का नाम: डॉ. कौशलेन्द्र सिंह
स्कूल की पढाई के दौरान लाइब्रेरी में पापा को कप्यूटर के सामने घंटे बैठ देखकर यह सोचती थी कि पापा सिर्फ कम्प्यूटर पर काम करते हैं। आज बिटिया एट द वर्क पत्रिका अभियान के दौरान जब पापा के साथ कम्प्यूटर लैब में पहुंची तो, समझ में आया कि पापा कम्प्यूटर पर घंटो बैठ क्या सर्च करते हैं। सच में पापा का काम बेहद चुनौती वाला है। पापा कम्प्यूटर पर साईंस सम्बंधी विषयक जानकारी एकत्रित कर स्कूली छात्र-छात्राओं को उपलब्ध कराते हैं, क्योंकि अधिकांश पुस्तकों में दिए गए मॉड्यूल बच्चों की समझ में नहीं आता, या फिर कुछ ऐसे तथ्य या उदाहरण जिसकी जानकारी महत्वपूर्ण होती। और बच्चों को पढाते समय उन मॉड्यूल का उपयोग कर कठिन प्रश्नों को सरल और आसानी रूप में बच्चों को समझाया जा सकता है। पत्रिका अभियान की सराहना करते हुए कहा कि अब यहां आकर पता चला ह कि पापा किन कामों पर इतना व्यस्त रहते हैं।
अनुभूति सिंह
–
आज पता चला पापा ऐसे करते है यातायात नियमों के उल्लंधन करने वालो के खिलाफ कार्रवाई
ऑफिस: जिला यातायात विभाग अनूपपुर।
बिटिया का नाम: उन्नति कुमार
पिता का नाम: वृहस्पति कुमार साकेत
कभी कभी पापा देर रात जिला यातायात थाना से वापस लौटते है। कभी रात के दौरान ही कार्यालय के लिए रवाना हो जाते है। हमेशा बॉकी टॉकी पर सर यहां जाम व प्वाईंट क्लियर जैसे शब्द सुनने को मिलते हैं। सुनकर इससे तो कभी कभी कर्कशता बनने लगती है। लेकिन आज मुझे पापा अपने साथ यातायात थाना कार्यालय परिसर लेकर आए, तब समझ में आया कि पापा देर रात या रात के समय भी यातायात कार्यालय के लिए क्यों रवाना हो जाते है। यहां यातायात नियमों के उल्लंधन करने वाले दोषियों को पकडऩे, चालान काटने सहित आमजनों को नियमों को समझाने जैसे काम करने पड़ते हैं। जिलेभर के यातायात सम्बंधित हुई कार्रवाई और उनमें गम्भीर मामलों में न्यायालय में चालान पेश की कार्रवाई भी पापा के द्वारा ही कराया जाता है। शहर में सामान्य यातायात बहाल की जिम्मेदारी कितना मुश्किल काम है। इनमें भी किसी विशेष अतिथि के दिन के समय जिले में आगमन को सहजता से कराना ये उनकी बुद्धिमता की विशेषता बताती है। इसके लिए पूर्व से प्लानिंग और क्रियान्वयन महत्वपूर्ण है। इस प्रोफेशन में दिन-रात जैसे शब्दों का कही कोई जगह नहीं दिखा, वाकई पुलिस की कार्यशैली इतनी व्यस्त होती है। पत्रिका अभियान में यातायात पुलिस की कार्यप्रणाली को समझने के साथ पुलिस की मेहनत को भी देखने का मौका मिला है।
उन्नति कुमार