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भगवान भरोसे ऑपरेशन थिएटर !

locationशाहडोलPublished: Sep 17, 2017 04:01:07 pm

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Shahdol online

स्पेशलिस्ट नहीं, ऑपरेशन के लिए करना पड़ता है इंतजार

God trusted operation theater

God trusted operation theater

शहडोल. संभाग के सबसे बड़ी अस्पताल का ऑपरेशन थिएटर भगवान भरोसे है। यहां पर ऑपरेशन करने के लिए स्पेशलिस्ट ही नहीं है। स्थिति ये है कि जिला अस्पताल के पीजीएमओ सर्जरी डॉक्टर द्वारा ऑपरेशन किया जा रहा है। यहां लंबे समय से सर्जरी स्पेशलिस्ट नहीं है। इस स्थिति में अस्पताल प्रबंधन ने सप्ताह में सिर्फ दो दिन ऑपेशन करने की व्यवस्था की है। हर दिन ऑपरेशन ना होने के चलते मरीजों को लंबा
इंतजार करना पड़ रहा है।
अधिकारियों की मानें तो 20 फीसदी से अधिक मरीज बिना सर्जरी लौट जाते हैं। यहां शहडोल, उमरिया, अनूपपुर और छत्तीसगढ़ के जनकपुर क्षेत्र से सर्जरी के लिए मरीज आते हैं। पाइल्स, हार्निया, हाइड्रोसिल के अलावा पेट, नाक गला के लिए सर्जरी के लिए हर हफ्ते लगभग 30 मरीज पहुंचते हैं, जिसमें सिर्फ 10 से 15 मरीजों की ही सर्जरी हो पाती है। सर्जरी स्पेशलिस्ट की तैनाती के लिए कई मर्तबा अस्पताल प्रबंधन ने प्रस्ताव भी भेजा है, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। उधर दूसरी ओर क्षेत्र के जनप्रतिनिधि भी सामने नहीं आ रहे हैं, जिससे समस्या जस की तस बनी हुई है। जिला अस्पताल के पीजीएमओ डॉ राजा शितलानी को सर्जरी की जिम्मेदारी दी गई है। इसके अलावा वार्ड, ओपीडी और अन्य इमरजेंसी ड्यूटी भी लगा दी जाती है। उधर सर्जरी के लिए अन्य डॉक्टर ना होने के कारण सप्ताह में सिर्फ दो दिन सोमवार और गुरुवार को ऑपरेशन किया जाता है। इसके चलते हर सप्ताह लगभग 10 से 15 मरीजों का ऑपरेशन पेडिंग हो जाता हैं और उन्हे बाद में ऑपरेशन का समय दिया जाता है।
एनेस्थीसिया के डॉक्टरों का भी पेच

सर्जरी के लिए एनेस्थीसिया के लिए भी इंतजार करना पड़ता है। एनिस्थिसिया के लिए डॉ. स्थापक और डॉ. मनोज जायसवाल की ड्यूटी है। जिन्हें ओपीडी के अलावा अन्य कामों में भी लगा दिया जाता है। इसकी वजह से सर्जरी के लिए एनेस्थीसिया स्पेशलिस्ट का भी इंतजार करना पड़ता है।
सर्जरी न होने से लौटते हैं 20 फीसदी मरीज

अस्पताल के आंकड़ों पर नजर डालें तो 20 फीसदी मरीज समय पर सर्जरी ना होने की वजह से लौट जातें हैं या फिर अन्य निजी क्लीनिकों का सहारा लेते हैं। अस्पताल प्रबंधन के अनुसार हर रोज सर्जरी के लिए मरीज आते हैं। एक माह के भीतर सर्जरी के लिए 100 से अधिक केस आते हैं। इसमें डॉक्टर ना होने की वजह से 50 से 60 मरीजों की ही सर्जरी हो पाती है। अन्य मरीजों को वेटिंग में रखा जाता है। जिससे कई मरीज बाहर से सर्जरी कराते हैं।
अस्पताल की स्थिति पर एक नजर
सर्जरी स्पेशलिस्ट के स्वीकृत पद 02
अस्पताल में पदस्थ स्पेशलिस्ट ००
एनेस्थीसिया स्पेशलिट पदस्थ 02
सर्जिकल में हर माह भर्ती मरीज 300
सर्जरी के लिए चिहिंत मरीज 120
अस्पताल में होने वाली सर्जरी 60
हर हफ्ते मरीजों की सर्जरी 20
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