गोहपारू की एसडीएम कोर्ट सोहागपुर से जयसिंहनगर तहसील ट्रॉसफर, अब पक्षकारों को करना पड़ेगा लम्बा सफर
शाहडोलPublished: Sep 15, 2018 10:17:29 pm
अब तक सोहागपुर तहसील में सुने जाते रहे मामले
गोहपारू की एसडीएम कोर्ट सोहागपुर से जयसिंहनगर तहसील ट्रॉसफर, अब पक्षकारों को करना पड़ेगा लम्बा सफर
गोहपारू की एसडीएम कोर्ट सोहागपुर से जयसिंहनगर तहसील ट्रॉसफर, अब पक्षकारों को करना पड़ेगा लम्बा सफर
शहडोल . जिले में नए तहसीलो ंकी सख्या बढ़ रही है। लेकिन अधिकांश तहसीलो में एसडीएम की पदस्थापना न होने से पक्षकारों को न्याय के लिए दूसरी तहसीलो का दरवाजा खटखटाना पड़ रहा है। जिले की गोहपारू और बुढ़ार तहसील में एसडीएम कोर्ट न होने अब तक मामले सोहागपुर तहसील में सुने जाते रहे है। लेकिन अब गोहपारू तहसील के मामले सोहागपुर तहसील से जयसिंहनगर तहसील में स्थानांतरित कर दिया गया है। जिसके चलते पक्षकारों को 15 किलोमीटर की जगह अब 40 किलोमीटर का सफर करना पड़ेगा।
इस मामले में बताया गया है कि वरिष्ट कार्यालय भोपाल से सोहागपुर तहसील को आदेश भेजा गया था कि अब गोहपारू तहसील के मामले जयसिंहनगर एसडीएम कोर्ट में सुने जाएंगे। जिसके लिए रिकार्ड जयसिंहनगर तहसील को स्थानांतरित कर दिया जाए। सोहागपुर एसडीएम कोर्ट में गोहपारू तहसील के 224 मामले विचाराधीन थे। जिसे आदेश के परिपालन में सोहागपुर तहसील से गोहपारू से सम्बंधित रिकार्ड 3 अगस्त को भेज दिए गए है। जिससे गोहपारू क्षेत्र के पक्षकारों को 40 किलो मीटर दूर उल्टी दिशा में जयसिंहनगर जाना पड़ रहा है। जबकि पहले दिया पीपर क्षेत्र से मात्र 15 किलोमीटर दूर ही सोहागपुर तहसील आना पड़ता था। साथ ही संभागीय मुख्यालय होने से दूसरे कार्यालयों के भी काम हो जाते थे। लेकिन एसडीएम कोर्ट स्थानांतरित हो जाने से पक्षकार निराश है।
तहसील में एसडीएम की खोली जाए लिंक कोर्ट
शासन के इस निर्णय पर जहां पक्षकारों में नाराजगी है। वही अधिवक्ता भी इसे गैर जिम्मेदाराना निर्णय बता रहे है। वकीलो का मानना है कि अगर गोहपारू तहसील में सप्ताह में एक दिन भी एसडीएम की लिंक कोर्ट बैठने लगे तो क्षेत्र के लोगो को लम्बा सफर कर जयसिंहनगर नहीं जाना पड़ेगा। अधिवक्ता राकेश चतुर्वेदी,राममणि शुक्ला, विकास त्रिपाठी,विष्णु पाण्डेय ने बताया कि गोहपारू क्षेत्र के लोगों के लिए सोहागपुर तहसील अधिक सुविधा जनक रही है। एसडीएम कोर्ट जयसिंहनगर हो जाने से क्षेत्र के पक्षकारों को रास नहीं आ रहा है। लिंक कोर्ट का निर्णय जिले के कलेक्टर के अधीन हेता है। कलेक्टर चाहे तो सप्तांह मे एक दिन के लिए गोहपारू तहसील में लिंक कोर्ट खुल सकती है। जिसका लाभ अधिवक्ता और पक्षकार दोनो को हो सकता है।