scriptमिलर्स की लेटलतीफी, 521 लॉट का उठाव, मिलिंग सिर्फ 20 फीसदी | government is also facing losses due to the delay of the millers. | Patrika News

मिलर्स की लेटलतीफी, 521 लॉट का उठाव, मिलिंग सिर्फ 20 फीसदी

locationशाहडोलPublished: Jul 29, 2021 09:30:25 pm

Submitted by:

amaresh singh

24 मिलर्स से 877 लॉट धान की मिलिंग का अनुबंध

Rice mill

Officers in Rice mill

शहडोल. जिले में बड़ी मात्रा में धान मिलिंग के लिए रखी है। मिलर्स की लेटलतीफी के चलते सरकार को भी नुकसान झेलना पड़ रहा है। धान की मिलिंग को लेकर अफसर लंबे समय से पेंच कस रहे हैं लेकिन सुधार नहीं आया है। अभी तक सिर्फ 20 फीसदी ही धान की मिलिंग हो सकी है। गुरुवार को कलेक्टर ने भी मिलर्स और अधिकारियों की बैठक लेकर नाराजगी जताई है। लगभग तीन माह बाद मिलरों द्वारा फिर से धान की मिलिंग का काम शुरू किया है। नान प्रबंधन द्वारा 24 मिलरों से लगभग 877 लॉट धान की मिलिंग का अनुबंध किया गया है। जिसके बाद मिलरों ने धान का उठाव कर उसकी मिलिंग का कार्य शुरू कर दिया है लेकिन अभी भी धीमी रफ्तार से मिलिंग हो रही है।

टूटन आने पर मिलिंग हो गई थी बंद
उल्लेखनीय है कि मिलरों द्वारा फरवरी तक ही मिलिंग का कार्य किया गया था। इसके बाद धान की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए ज्यादा टूटन आने व शासन द्वारा मिलिंग के एवज में कम रेट दिए जाने को लेकर मिलरों ने मिलिंग का कार्य बंद कर दिया था। जिस पर नए सिरे से टेण्डर बुलाए गए थे। जिसके बाद जुलाई माह से फिर से मिलरों के साथ अनुबंध कर मिलिंग का कार्य प्रारंभ कराया गया है।

22 हजार 559 मिट्रिक टन धान का उठाव
जिसमें से प्रबंधन द्वारा 559 लॉट की धान की मिलिंग के लिए डीओ जारी किया गया है। इसमें 24 हजार 204.70 मिट्रिक टन धान का उठाव कर मिलिंग करना था। इसमें मिलरों ने 521 लॉट का उठाव तो कर लिया था। 22 हजार 559 मिट्रिक टन धान का उठाव कर 374 लॉट में नान के गोदामों में 10849.26 मिट्रिक टन चावल जमा किया। वहीं एफसीआई के गोदाम में 49 लॉट की 1418.686 मिट्रिक टन चावल जमा किया। ं 2846.79 मिट्रिक टन चावल मिलरों द्वारा गोदामों में जमा करना है लेकिन मिलिंग में लेटलतीफी के चलते अभी धान जमा ही नहीं करा पा रहे हैं।

तीन माह में हो जाना था उठाव, ओपन कैप में रखी है धान
खरीदी के बाद धान रखने के लिए प्रबंधन के पास पर्याप्त गोदाम नहीं होने की स्थिति में ओपन कैप बनाकर धान रखी गई थी। जहां से नियमानुसार, तीन माह के अंदर धान का उठाव हो जाना था लेकिन मिलिंग कार्य बंद होने की वजह से धान का उठाव नहीं हो पा रहा था। ऐसे में ओपेन कैप में रखी धान में नमी आने केे साथ ही उसके खराब होने की आशंका बढ़ गई थी। अब जब बारिश शुरू हो गई है तो धान के खराब होने की संभावना बढ़ गई है। हालांकि मिलरों द्वारा धान का उठाव प्रारंभ कर दिया गया है।


कलेक्टर बोले- जल्दी करो मिलिंग, मिलर्स बोले- बिजली सबसे बड़ी समस्या

खाद्य परिवहन की जिले के सभी गाडियों में फ्लैक्स एवं जीपीएस ट्रैकिंग लगाने के निर्देश खाद्यान्न परिवहन करने वाले संचालको को कलेक्टर डॉ सतेन्द्र सिंह ने दिए हैं। बैठक में खाद्यान्न परिवहन कर्ताओं से कलेक्टर ने उन्हें परिहवन में होने वाली समस्याओं की जानकारी ली और डीएम नान एवं प्रबंधक वेयर हाउसिंग को देते हुए कहा कि आगामी खाद्यान्न उठाव के लिए ब्लॉक वाइज गेहंू, नमक एवं तेल का उठाव एक ही जगह से हो सकें और परिवहन में गति लाई जा सकें। 31 जुलाई तक खाद्यान्न परिवहन पूर्ण कर लिया जाएं, जिससे सभी उचित मूल्य दूकानों में समय पर खाद्यान्न उपलब्ध हो सकें। बैठक में कलेक्टर ने जिले के मिलर्स से चर्चा करते हुए कहा कि मिलिंग के कार्य में और गति लाएं, अभी तक लगभग 20 प्रतिशत मिलिंग का कार्य हुआ है। मिलर्स ने कलेक्टर को कहा कि मिलिंग कार्य में विद्युत आपूर्ति बाधित होती है, इस पर कलेक्टर ने कार्यपालन यंत्री एमपीईबी को तत्काल दूरभाष निर्देश दिए कि मिलिंग कार्य में किसी भी प्रकार आपूर्ति बाधित न हो यह सुनिश्चित करें। कलेक्टर ने डीएम नान को निर्देशित किया कि जिन मिलर्स के पास खाद्यान्न रखने की पर्याप्त व्यवस्था उन्हें अनुबंध के साथ हीमिलिंग के लिए धान उपलब्ध कराएं। बैठक में अपर कलेक्टर अर्पित वर्मा, उपायुक्त सहकारिता शकुनतला ठाकुर, जिला खाद्य आपूर्ति नियंत्रक कमलेश टाण्डेकर, जिला प्रबंधक खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति राजेन्द्र चौधरी रहे।

सिंहपुर के न्यू लक्ष्मी राइस मिल का कलेक्टर ने किया निरीक्षण
कलेक्टर ने सिंहपुर में स्थापित न्यू लक्ष्मी राइस मिल का निरीक्षण किया। इस राइस मिल के प्रबंधक ने बताया कि मिल में धान का बेहतर ढंग से मिलिंग का कार्य किया जाता है और इस से निकले हुए टुकड़ी चावल को अलग किया जाता है। राइस मिल से निकलने वाले भूसी के व्यवस्थापन का भी जायजा लिया तथा चावलों की क्वालिटी का भी परीक्षण किया।

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