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जीएसटी : बड़े व्यापारियों के खाते किए जाएंगे सीज

locationशाहडोलPublished: Nov 15, 2017 08:34:02 pm

Submitted by:

Murari Soni

नोटिस के बाद भी जमा नहीं किया पुराना टैक्स, जीएसटी विभाग उठाएगा कड़े कदम, बैंक खाते अटैच और अचल संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई शुरू

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शहडोल. पुराना वैट जमा ना करने वाले आधा सैकड़ा से अधिक डीलरों पर जीएसटी विभाग की गाज गिरी है। सालाना 2 करोड़ से अधिक टर्न ओवर वाले व्यापारियों के बैंक खाते सीज करने की कवायद शुरू कर दी गई है। इन व्यापारियों ने वर्ष 2016-2017 का वैट और वर्ष 2017-18 की प्रथम तिमाही का रिटर्न दाखिल नहीं किया है। कई नोटिस की कार्रवाई के बाद जब डीलरों ने टैक्स देने में रुचि नहीं दिखाई तो विभाग ने उनके बैंक खाते अटैच कर दिए हैं और अचल संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई शुरू की गई है।
विभागीय अधिकारियों की मानें तो शहर सहित जिले भर में एक सैकड़ा से अधिक ऐसे व्यापारी हैं, जिनका सालाना टर्न ओवर २ करोड़ से ऊपर है और उन्होंने पुराना वैट नहीं दिया है। सभी को नोटिस भेजे गए थे। नोटिस का जबाब न देने पर उनमें से 60 डीलरों के बैंक खाते सीज करने की कार्रवाई भी शुरू हो चुकी है।
इसके अलावा उनकी अचल संपत्ति जिसमें मकान, दुकान आदि को जब्त करने की कागजी कार्रवाई भी की जा रही है। बताया गया कि जीएसटी लागू होने के पहले वर्ष 2016-2017 का पुराना वैट और वर्ष 2017-18 की प्रथम तिमाही का रिटर्न शहर के अधिकांश बड़े व्यापारियों ने दाखिल नहीं किया गया है।
इससे शासन को राजस्व की भारी क्षति हो रही है। इसको लेकर जब विभाग ने नोटिस दिए तो अधिकांश डीलरों ने रिसपोंस ही नहीं दिया। जिसके बाद जीएसटी विभाग ने एमपी भू राजस्व संहिता के तहत कार्रवाई शुरू कर दी है।

200 व्यापारियों को पहले भी मिल चुका है नोटिस
वहीं जीएसटी लागू होने के बाद विगत जुलाई, अगस्त और सितंबर माह का रिटर्न दाखिल न होने पर शहर के 200 से अधिक व्यापारियों को हाल ही में नोटिस दिए गए हंै। तीन माह में जिले के व्यापारियों द्वारा केवल 50 प्रतिशत रिटर्न ही दाखिल किया गया है। रिटर्न दाखिल करने में आनाकानी करने वाले व्यापारियों के रजिस्ट्रेशन रद्द करने की कवायत की जा रही है। हालाकि जीएसटी नंबर रद्द करने से पहले विभाग व्यापारियों को चेताने में लगा है। ज्ञात हो कि जिले में ४ हजार जीएसटी नंबर धारी व्यापारी हैं, जिनमें से करीब १ हजार व्यापारियों को सलाना टर्न ओवर 1 करोड़ के अंदर है और वह कंपोजीसन स्कीम में शामिल हैं। उन्हें तीन माह में केबल एक बार ही रिटर्न दाखिल करना होता है।
सभी व्यापारियों को समय पर मासिक रिटर्न जमा करने के लिए कहा गया है। यदि समय पर रिटर्न जमा नहीं हुआ तो उनका जीएसटी नंबर निरस्त हो जाएगा। इसके अलावा वैट जमा न करने पर 60 बड़े डीलरों के बैंक खाते सीज करने की कार्रवाई की जा रही है।
प्रकाश सिंह, सहायक आयुक्त, जीएसटी विभाग शहडोल।

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