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हेल्थ वेलनेस सेंटरों को नहीं मिल रहें चिकित्सक, स्टॉफ की विजिटिंग ड्यूटी से किया जा रहा संचालित

locationशाहडोलPublished: Jun 29, 2019 08:52:06 pm

चिकित्सक एवं स्टाफ नर्स की कमी

 Health Welfare Centers Not Visiting Doctor, Staff Being Visiting Duty

हेल्थ वेलनेस सेंटरों को नहीं मिल रहें चिकित्सक, स्टॉफ की विजिटिंग ड्यूटी से किया जा रहा संचालित

शहडोल। जिले में तीस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के तौर पर संवारा जा रहा हैै। जिसमें दस में तो चिकित्सक और स्टॅाप की किसी तरह से पूर्ति की गई है। लेकिन २० सेंटरों में अब भी चिकित्सकों के विजिटिंग ड्यूटी से मरीजों को उपचार मुहैया कराया जा रहा है। यही हाल अनूपपुर और उमारिया जिले का भी है। उमारिया जिले में 28 हेल्थ वेलनेस सेंटर शुरू करने का प्रस्ताव है जिसमे अब तक एक भी क्रियाशील नही है। इसी प्रकार अनूपपूर जिले में 16 हेल्थ वेलनेस सेंटर शासन द्वारा प्रस्तावित है जिसमें मात्र 5 क्रियाशील है। जबकि शासन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बनाने की तैयारी में जुटा है। इसके पीछे मंशा यह है कि इन केंद्रों पर मरीजों को आयुष्मान भारत योजना के तहत पूरा इलाज मिल सके। इसके अलावा गैर संचारी रोगों का प्रकोप रोकने के लिए मरीजों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराई जा सकें।
सात तरह की जांच का है प्रावधान
हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों पर सात प्रकार की जांचें जैसे हीमोग्लोबिन यूरिन द्वारा गर्भ की जांच, अल्बोमिन एवं ग्लूकोज की जांच, ब्लड ग्लूकोज की जांच, मलेरिया की जांच,मलेरिया एवं कालाजार के रैपिड टेस्ट और बलगम टीबी की जांच की सुविधा दी गई है। बताया गया है कि अक्सर 30 साल से ज्यादा के उम्र के लोगों को सामान्य गैर संचारी रोग जैसे डायबिटीज,उच्च रक्तचाप और तीन प्रकार के कैंसर ओरल,सर्वाइकल व स्तन कैंसर के बारे में पता नहीं होता है। आशा कार्यकर्ताओं के जरिए ऐसे लोगों के ब्लड सैंपल लेकर प्राथमिक जांच कराई जाएगी। गंभीर स्थिति में संबंधित अस्पताल रैफर किया जाएगा। मरीज आयुष्मान योजना का कार्ड दिखाकर 5 लाख रुपए तक का इलाज नि:शुल्क ले पाएगे। इन सेंटरों पर 10 बजे से शाम 5 बजे तक डॉक्टर व अन्य स्टाफ मौजूद रहेगा।
ग्रामीण क्षेत्रों में होंगे एमबीबीएस चिकित्सक
जिले में ग्रामीण क्षेत्रों के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर फिलहाल सर्दी, जुकाम,खांसी,बुखार और मामूली चोट का इलाज हो रहा है। अनुभवी और उच्च शिक्षित डॉक्टर के अभाव में प्रसूति तक नहीं हो पाती है। इन केंद्रों को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बनाकर यहां एमबीबीएस डॉक्टर नियुक्त किए जाएंगे। नर्सों को ब्रिज कोर्स के जरिए प्रशिक्षित किया जाएगा। जहां स्टाफ की कमी होगी। उन सेंटर्स पर भर्ती की जाएगी। ड्रेसिंग रूम अलग से बनाया जाएगा। वहीं मरीजों को पीने के लिए स्वच्छ पानी मिलेगा। फिलहाल केंद्रों पर 10 बेड स्वीकृत हैं। लेकिन सेंटर के लिए यहां अतिरिक्त बेड लगाए जाएंगे। गंभीर मरीजों को भर्ती कर इलाज किया जाएंगा।
इनका कहना है
जिले में 30 हेल्थ वेलनेस सेंटर शुरू किए गए है, जिसमें 10 पूर्णत: संचालित है एवं 20 अन्य चिकित्सको एवं स्टाफ नर्स की कमी होने के कारण संचालित नही हो पा रहे है। इसके लिए चिकित्सको की विजिटिंग ड्यूटी लगाई जा रही है।
डां राजेश पाण्डेय
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी

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