यहां पर बॉक्सिंग वुशु और ताइक्वोंडो खेल से लाडलियां खुद की सुरक्षा के तरीके सीख रही हैं। इसके अलावा मार्शल आर्ट में करियर बनाने के लिए टिप्स बताए जा रहे हैं। इंटरनेशनल कोच अंशुमान आधा दर्जन से ज्यादा स्कूलों में लाडलियों को सेल्फ डिफेंस के तरीके बता चुके हैं।
कोच अंशुमान के अनुसार चाबी और हेयर पिन के माध्यम से लाडलियां खुद की सुरक्षा कर सकती है। चाबी से मुहं और आंख के अलावा हेयर पिन से गले और चेस्ट पर हमला करके बचा जा सकता है।
एक मई से फ्री समर कैंप
सेल्फ डिफेंस की दिशा में बच्चों को जोडऩे के लिए एक मई से फ्री समर कैंप का आयोजन जिला बॉक्सिंग एवंं वुशु एसोसिएशन द्वारा किया जा रहा है। यहां पर बालक और बालिकाओं को नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया जाएगा। यहां पर बच्चों को आत्मरक्षा के साथ जूडो बाक्सिंग और ताइक्वोंडो खेल के बारे में भी बताया जाएगा। कैंप का आयोजन गांधी स्टेडियम, महिला समिति स्कूल, ज्ञानोदय स्कूल और भारत माता स्कूल में नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया जाएगा।
बदलते हालात में आत्मरक्षा बेहद जरूरी
इंटरनेशनल गोल्ड मेडलिस्ट कोच अंशुमान सिंह के मुताबिक लगातार ज्यादती, छेड़छाड़ की घटनाएं हो रही हैं। ऐसे हालत में सेल्फ डिफेंस बेहद जरूरी है। घटना के बाद सब सामने आते हैं। आत्मरक्षा की बात उठती है लेकिन सीखना कोई नहीं चाहता था। ऐसी स्थिति में स्कूलों में ट्रेनिंग देना उचित समझा। अब स्कूलों में पहुंचकर बालिकाओं को हम ट्रेनिंग दे रहे हैं कि किस तरह से ताइक्वोंडो खेल, बॉक्सिंग वुशु से आत्मरक्षा किया जा सकता है।