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उच्च शिक्षा मंत्री ने दिया था आश्वासन, जिले को मिले प्राध्यापक

locationशाहडोलPublished: Dec 23, 2019 09:39:59 pm

Submitted by:

Ramashankar mishra

रिक्त पड़े थे 70 फीसदी पद, अलग-अलग संकायों के प्राध्यापकों की हुई नियुक्ति

उच्च शिक्षा मंत्री ने दिया था आश्वासन, जिले को मिले प्राध्यापक

उच्च शिक्षा मंत्री ने दिया था आश्वासन, जिले को मिले प्राध्यापक

शहडोल. जिले में संचालित 8 शासकीय महाविद्यालयों में रिक्त पड़े प्राध्यापकों के पदों में मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग से चनयित उम्मीदवारों की नियुक्ति की जा रही है। जिसमें जिले के आठो महाविद्यालयो में कुल 51 सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति की गई है। जिनमें से लगभग-लगभग सभी ने आवंटित महाविद्यालयो में अपनी ज्वाइनिंग भी दे दी है। उल्लेखनीय है कि पूर्व में जिले के आठो महाविद्यालयों में स्वीकृत प्राध्यापकों के 124 पदों में से महज 27 पदों में प्राध्यापकों की नियुक्ति हो पाई थी। जिसमें सें दो महाविद्यालय ऐसे थे जिसमें एक भी पद नहीं भरे गए थे।
बिगड़ रही थी शैक्षणिक व्यवस्था
महाविद्यालयों में विषय वार प्राध्यापक न होने की वजह से शैक्षणिक व्यवस्था बिगड़ रही थी। रिक्त पड़े पदों में अतिथि विद्वानों की नियक्ति की अध्यापन कार्य कराया जा रहा था। इसके बाद भी स्टॉफ की कमी के चलते सुचारू व्यवस्थाओं का संचालन नहीं हो पा रहा था। जिसके चलते छात्रों में आक्रोश पनप रहा था। इसे लेकर छात्र संगठनों द्वारा कई बार प्रबंधन, प्रशासन व जन प्रतिनिधियों के समक्ष मांग भी रखी गई थी।
अतिथि विद्वानों का आमंत्रण निरस्त
जिले के आठो महाविद्यालयो की शैक्षणिक व्यवस्था के सुचारू रूप से संचालन के लिए अतिथि विद्वानो की नियुक्ति की गई थी। यह अतिथि विद्वान अलग-अलग विषयों के नियुक्त किए गए थे। अब उन पदों पर प्राध्यापकों की नियुक्ति होने के बाद अतिथि विद्वानो के आमंत्रण को निरस्त करने की कार्यवाही की जा रही है।
उच्च शिक्षा मंत्री ने किया था आश्वस्त
उल्लेखनीय है कि नवम्बर माह में पं. शंभूनाथ शुक्ल विवि के लोकार्पण समारोह में उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी का नगर आगमन हुआ था। इस दौरान उन्होने कन्या महाविद्यालय में छात्राओं से संवाद किया था। जिसमें छात्राओं ने प्राध्यापकों की कमी का मुद्दा प्राथमिकता से रखा था। जिसे गंभीरता से लेते हुए उच्च शिक्षा मंत्री ने 70 फीसदी पदो को शीघ्र ही भरने की प्रक्रिया प्रारंभ करने का आश्वासन दिया था। जिसके एक माह के अंदर रिक्त पड़े पदों में नियुक्तियां प्रारंभ हो गई हैंं।
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