– रंगों से यदि केमिकल या पेट्रोल की गंध आए तो उन्हें न खरीदें। यदि रंग पानी में घुलता नहीं है तो उनमें केमिकल हो सकता है, बेहतर होगा उन्हें न खरीदें।
– ऑर्गेनिक रंगों में चमकदार कण नहीं होते हैं और वे गहरे रंगों- डार्क शेड में उपलब्ध नहीं होते हैं। इसलिए सिल्वर, गहरा पर्पल या काला रंग न खरीदें हो सकता है कि वे प्राकृतिक रंग न हों।
ये हैं नुकसान
एलर्जी- होली के रंग अक्सर केमिकल से बनाए जाते हैं और इनसे कुछ लोगों को ऐलर्जिक रिएक्शन हो सकते हैं। एलर्जी से त्वचा, आंखों, नाक और गले में जलन हो सकती है। इनसे संवेदनशील लोगों में सर्दी,
खांसी और सांस लेने की तकलीफ भी हो सकती हैं। इनसे दमा और अन्य जटिल समस्याएं गंभीर रूप ले सकती हैं।
त्वचा की समस्याएं – होली के रंगों में संभावित हानिकारक केमिकल्स से त्वचा की समस्याएं होने से स्वास्थ्य को बहुत बड़ा खतरा होता है। इनसे खुजली, लालिमा, सूखापन, स्केलिंग, जलन का एहसास और फुंसियां हो सकती हैं। होली के रंगों का प्रभाव बालों पर भी पड़ सकता है। कई लोगों को होली के बाद बालों का झडऩा, सिर की त्वचा पर खुजली, गंजापन, बालों का बेजान और रूखा होने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
आंखों की समस्याएं – होली के जश्न के बाद लोगों में पाई जाने वाली आम समस्याएं आंखों से जुड़ी होती हैं जिनमें जलन, खुजली, आंखों में अधिक पानी आना, रोशनी के प्रति अधिक संवेदनशीलता, आंखों में दर्द या लाल होने के लक्षण शामिल होते हैं।
पाचन संबंधी समस्याएं – होली के उल्लास में रंग लगे हाथों से पकवान खाने से पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। रंग म्यूकस मेम्ब्रेन- श्लेष्म झिल्ली में जलन पैदा कर सकते हैं। जिस कारण आपको मिचली, उल्टी या पेट की तकलीफ हो सकती है। साथ ही इंफेक्शन होने की संभावना भी बनी रहती है।
त्वचा का कैंसर – होली के रंगों में इस्तेमाल होने वाले कुछ रसायनों से आपके स्वास्थ्य के आधार पर स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का जोखिम बढ़ सकता है। इससे पक्षाघात – पैरालिसिस, गुर्दे की खराबी और त्वचा के कैंसर जैसी समस्याएं जुड़ी हैं।
घर पर खुद बनाएं ऐसे रंग- बेसन में हल्दी मिलाएं और चमकदार पीला रंग पाएं। आप पानी में गेंदे के फूलों के पत्तों को उबालकर पीले रंग का पानी बना सकते हैं। लाल रंग बनाने के लिए गुड़हल के फूलों के सूखे पत्तों के पाउडर को आटे के साथ मिला लें। बीटरूट के टुकड़े काटकर या अनार के दाने पानी में मिलाकर मनमोहक गुलाबी रंग का पानी बना सकते हैं। पानी में केसर भिगोकर या अच्छी क्वालिटी की प्राकृतिक हिना या मेहंदी मिलाकर नारंगी रंग का पानी बना सकते हैं।