खटारा एम्बुलेंस से महिला को भेजा गया जबलपुर
शाहडोल•Mar 31, 2020 / 07:58 pm•
shubham singh
महिला को कोरोना संदिग्ध जानकार ले जाने की जगह भाग खड़ा हुआ 108 एम्बुलेंस चालक
शहडोल। जिला अस्पताल में कोरोना की संदिग्ध माने जाने के बाद एक मरीज को जबलपुर भेजने में अस्पताल प्रबंधन की पोल खुल गई है। इससे अस्पताल की व्यवस्थाओं पर प्रश्नचिन्ह भी खड़ा हो रहा है। विगत दिनों जब डॉक्टरों ने सर्दी-खांसी, सांस लेने में तकलीफ वाली महिला मरीज को कोरोना का संदिग्ध माना तो सब लोग दहशत में आ गए। अस्पताल प्रबंधन ने महिला को जबलपुर रैफर करने का निर्णय लिया। इसके लिए वाहन की व्यवस्था का प्रबंध किया जाने लगा लेकिन जब 108 एम्बुलेंस को बुलाया गया तो उसने महिला को कोरोना संदिग्ध मानकर उसे ले जाने से हाथ खड़े कर दिए।
बिना सुविधा के एम्बुलेंस से किया गया रैफर
इसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने 13 साल पुरानी खटारा एम्बुलेंस से महिला को भेजने का निर्णय लिया गया। एम्बुलेंस की हालत यह थी कि उसे धक्का मारकर चालू किया जाता है। एम्बुलेंस में महिला के साथ एक एचआईवी काउंसलर, एक वार्ड ब्वाय और ड्राइवर को भेजा गया जबकि महिला के साथ एक विशेषज्ञ डॉक्टर को भी भेजा जाना चाहिए था। इसके साथ ही एम्बुलेंस में वेंटिलेटर की भी सुविधा नहीं थी। एम्बुलेंस जब रवान हो गई तो बीच रास्ते में ही कई बार खराब हो गई। इस पर उसे धक्का मारकर चालू करके किसी प्रकार जबलपुर ले जाया गया। इस संबंध में सीएमएचओ डॉ ओपी चौधरी ने कहा कि महिला को 108 एम्बुलेंस से भेजा जाना चाहिए था। इतनी पुरानी एम्बुलेंस से क्यों भेजा गया। इसको दिखवा रहा हूं।
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