साल भर में गिर गया डेढ़ मीटर जल स्तर
जल स्तर गिरने से सूख गए जल श्रोत
Hundred and a half meters of water fall in a year
शहडोल. जिले में भू जल स्तर में लगातार गिरावट होने के कारण पानी की समस्या बनने लगी है, साल दर साल जलस्तर में गिरावट दर्ज होने के बाद भी प्रशासन और जवाबदार अमला इस समस्या को लेकर गंभीर नहीं है, जिसका भयावह खामियाजा आने वाले दिनों में आम जनता को भुगतना होगा। पीएचई विभाग ने चालू मई महीने 2019में जिले का औषतन जल स्तर लगभग 23.74 मीटर दर्ज किया है, जबकि बीते साल यह आंकड़ा लगभग 22.3 मीटर दर्ज किया गया था। इन दर्ज आंकड़ों को लेकर अगर अभी से प्रशासन गंभीरता नहीं दिखाया तो आने वाला समय बहुत भयावह होगा, जिसकी परिकल्पना करना मुश्किल होगा। जमीन का जल स्तर गिरने के कारण ग्रामीण अंचल, और पहाड़ीक्षेत्र तथा कोल माइंस क्षेत्र में सबसे ज्यादा स्थिति भयावह है जहां पानी के लिए ग्रामीणों को संघर्ष करना पड़ रहा है। पीएचई विभाग द्वारा दर्ज आंकड़ों में सबसे ज्यादा हालात बुढ़ार जनपद क्षेत्र के बकहो और सोन नदी के किनारे बसे गांव और ब्यौहारी तथा सोहागपुर क्षेत्र की बताई जा रही है, जहां भू जल स्तर में लगातार गिरावट के कारण अधिकांश हैंण्डपंप और अन्य प्राकृतिक जल श्रोत तथा कुएं जवाब दे रहे हैं।
जल संरक्षण की अनदेखी-
जल संरक्षण मामले को लेकर पीएचई विभाग सहित सिंचाई विभाग और आरईएस विभाग के जवाबदार अधिकारियों की अनदेखी के कारण जिले में बनाए गए लगभग 11 हजार स्टापडैमों और अन्य जल श्रोतों को संरक्षित करने की दिशा में अब तक कोई पहल नहीं की गई। अचरज की बात यह है कि हर साल गर्मी के दिनों में जल संरक्षण को लेकर हाय तौबा प्रशासन द्वारा किया जाता है। लेकिन हालात ऐसे हैं कि बनाए गए स्टापडैमों और रपटा कम स्टाप डैमों में कमिश्नर और कलेक्टर के निर्देश के बाद भी स्टापडैमों में कड़ी सटर लगाए जाने का कार्य नहीं कराया गया, जिससे नालों और छोटी नदियों में बनाए गए स्टापडैमों में पानी नहीं रोका लजा सका है।
11 00 हैंण्डपंप बंद-
जिले में पीएचई विभाग द्वारा दर्ज आंकड़े बताते हैं कि लगभग १२ हजार ५०० से अधिक हैण्डपंपों की स्थापना गा्रमीण क्षेत्रों में कराई गई है, जिनमें से जल स्तर गिरने से लगभग ११०० हैंण्डपंप बंद हो गए हैं। हालाकि विभागीय आंकड़े तीन सैकड़ा बंद हैंण्डपंपों की बताई जा रही है, लेकिन जमीन हकीकत यह है कि यह आंकड़े प्रशासनिक अधिकारियों को गुमराह करने के लिए दर्ज किए गए हैं।
बढ़ाए जा रहे राइजर पाइप
जिले का जल स्तर लगातार गिर रहा है, जिने क्षेत्रों में जल स्तर गिरने से हैण्डपंप बंद हो गए हैं वहां राइजर पाइप बढ़ाकर हैण्डपंप चालू कराए जा रहे हैं। जल स्तर के कारण हैण्डपंपों में पानी की समस्या आ रही है। ज्यादातर सोहगपुर के पहाड़ी क्षेत्र और कोल माइंस एरिया में समस्या हो रही है।
डीएस धुर्वे
कार्यपालन यंत्री
पीएचई विभाग