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सब्जियों से पहचान, पूर्वजों से पड़ा गांव का नाम

locationशाहडोलPublished: May 13, 2021 11:44:18 am

Submitted by:

amaresh singh

गांव में नहरों से सिंचाई के साधन नहीं मौजूद

Identification from vegetables, name of village derived from ancestors

सब्जियों से पहचान, पूर्वजों से पड़ा गांव का नाम

शहडोल. गांव के सबसे पुराने वांशिदे सिंदूरी पटेल के नाम पर गांव का नाम सिंदूरी पड़ा है। गांव के लोग खेती से जीवन-यापन करते हैं लेकिन गांव में सिंचाई के साधन मौजूद नहीं हैं। गांव में नहर की व्यवस्था नहीं है। अगर गांव में नहर की व्यवस्था हो जाए तो गांव में किसानों की फसलों का आसानी से सिंचाई हो सकता है। इससे किसानों को काफी लाभ होगा। अभी किसान फसलों की सिंचाई के लिए ट्यूबवेल पर निर्भर हैं। अगर जिनके पास ट्यूबवेल नहीं है वे मानसून पर निर्भर रहते हैं।


तालाबों में नहीं है पानी
ग्रामीणों ने कहा कि गांव में कहने को सात तालाब है लेकिन किसी भी तालाब में भरपूर पानी नहीं है। अगर तालाबों से फसलों की सिंचाई की व्यवस्था हो जाए तो गांव में आधी फसलों की सिंचाई हो सकती है। बारिश के मौसम में तालाब में पानी एकत्र करने के लिए व्यवस्था करनी चाहिए और तालाब के पानी से फसलों की सिंचाई की व्यवस्था करनी चाहिए। गांव में प्राचानी मंदिर भी हैं। इसमें प्राचानी दुर्गा मंदिर, हिंगलाद दाई मंदिर, ठाकुर बाबा मंदिर और शंकर भगवान का मंदिर हैं। ग्रामीणों की मंदिरों में बहुत आस्थ हैं। दूर-दूर से लोग इन मंदिरों में दर्शन के लिए आते हैं।
&गांव के पुराने व्यक्ति सिंदूरी पटेल के नाम पर गांव का नाम सिंदूरी पड़ा है। गांव में सभी प्रकार की फसलों की खेती होती है लेकिन मुख्य रूप से गांव में सब्जियों की खेती होती है। ग्रामीण सब्जियों की खेती के साथ पशुपालन भी करते हैं।
नानबाबू, किसान।
गांव में प्रमुख रूप से सब्जियों की खेती होती है। यहां के किसान सब्जियों को ले जाकर सीधे बाजार में बेच देते हैं। इससे उनकी अच्छी आय होती है। गांव में नहरों या तालाब से फसलों की सिंचाई के साधन मौजूद नहीं है।
मुन्नू लाल पटेल, किसान।

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