तालाबों में नहीं है पानी
ग्रामीणों ने कहा कि गांव में कहने को सात तालाब है लेकिन किसी भी तालाब में भरपूर पानी नहीं है। अगर तालाबों से फसलों की सिंचाई की व्यवस्था हो जाए तो गांव में आधी फसलों की सिंचाई हो सकती है। बारिश के मौसम में तालाब में पानी एकत्र करने के लिए व्यवस्था करनी चाहिए और तालाब के पानी से फसलों की सिंचाई की व्यवस्था करनी चाहिए। गांव में प्राचानी मंदिर भी हैं। इसमें प्राचानी दुर्गा मंदिर, हिंगलाद दाई मंदिर, ठाकुर बाबा मंदिर और शंकर भगवान का मंदिर हैं। ग्रामीणों की मंदिरों में बहुत आस्थ हैं। दूर-दूर से लोग इन मंदिरों में दर्शन के लिए आते हैं।
&गांव के पुराने व्यक्ति सिंदूरी पटेल के नाम पर गांव का नाम सिंदूरी पड़ा है। गांव में सभी प्रकार की फसलों की खेती होती है लेकिन मुख्य रूप से गांव में सब्जियों की खेती होती है। ग्रामीण सब्जियों की खेती के साथ पशुपालन भी करते हैं।
नानबाबू, किसान।
गांव में प्रमुख रूप से सब्जियों की खेती होती है। यहां के किसान सब्जियों को ले जाकर सीधे बाजार में बेच देते हैं। इससे उनकी अच्छी आय होती है। गांव में नहरों या तालाब से फसलों की सिंचाई के साधन मौजूद नहीं है।
मुन्नू लाल पटेल, किसान।