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बटुरा व बकही में चल रही अवैध कोयला खदानें , सोन नदी का सीना कर रहे छलनी

locationशाहडोलPublished: Sep 04, 2018 09:09:03 pm

Submitted by:

shivmangal singh

लाखों का रोज हो रहा कारोबारं

 Illegal coal mines operating in Batu and Bakhi, straining of Son river

बटुरा व बकही में चल रही अवैध कोयला खदानें , सोन नदी का सीना कर रहे छलनी


बटुरा व बकही में चल रही अवैध कोयला खदानें , सोन नदी का सीना कर रहे छलनी

शहडोल/बरगवा . ओपीएम के समीप स्थित सोन नदी के दोनों किनारों के पास अवैध रूप् से कोयले की खदानों का संचालन किया जा रहा है । जहां दोनों जिले के जिला प्रशासन क्षेत्र में एक भी अवैध कोयला खदानें के न चलने का दावा करते हैं वहीं अनूपपुर व शहडोल जिले की तटवर्ती पर गरीब मजदूरों की जान की बाजी लगाई जा रही है। जिससे प्रतिमाह करोड़ों रुपये का काला कारोबार किया जा रहा है। गौरतलब हो कि दोनों स्थानों का क्षेत्र अमलाई व चचाई पुलिस के क्षेत्राधिकार में आता है।
कुआंनुमा खाई बनाकर सरंगना चला रहे खदानें
इन खदानों में क्षेत्र के आसपास के सरंक्षण प्राप्त राजनैतिक सफेदपोश अपराधी गरीब आदिवासी मजदूरों का गरीबी का फायदा उठाते हुये उन्हे जानबूझकर मौत के कुयें में धकेल रहे हैं। सस्ते श्रम के नाम पर इनकी गरीबी का लाभ ये लोग उठाते हैं। कार्यवाही के नाम पर छुटपुट कभी कभार इन मजदूरों के खिलाफ चोरी या अवैध खनन की खानापूर्ति कर ली जाती है। इस दौरान कई बार मौत जैसी हादसे भी हो चुके हैं। लेकिन तब भी इन काले कारोबारियों का काम जारी रहता है।
क्यों नही रुकता कारोबार
लाख टके का सवाल यही है कि आखिर इन क्षेत्र में जिला या पुलिस प्रशासन के दावे के बावजूद कैसे अवैध खदानें चल रही हैं। आखिर क्यों नहीं इस कारोबार पर पूरी तरह अंकुश लगाया जा सका है। कहीं न कहीं इसमें अफसरों की मिलीभगत व राजनैतिक सरंक्षण साफ तौर पर दिख रहा है। जब तक इन गरीब मजदूरों के अलावा करोड़ों कमा रहे खदान संचालक पर लगातार दबिश देकर कार्यवाही नहीं की गई तो ये करोड़ों का खेल जारी रहेगा। स्थानीय जनप्रतिनिधि भी मौनी बाबा बने हुये हैं । जनता सवाल पूंछ रही है कि आखिरपुलिस ं के सामने कैसी अवैध खुली खदानें चल रही है। जिसमें सरकार को करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा है।

प्रतियोगिता का हुआ आयोजन
एसईसीएल स्टॉप क्लब धनपुरी में रविवार को रास्ट्रीय गान समूह प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। जिसमे हिंदी व संस्कृत गीत दोनो के अंक जोड़कर विजेता तय किया गया। इस सामूहिक गान में बंगवार सरस्वती शिशु मंदिर को विजयी घोषित किया गया। आयोजन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रान्त कार्यवाह भरत शरण सिंह मुख्य अतिथि रहे। समूह गान में 5 विद्यालयों ने भाग लिया। कार्यक्रम मेंहनुमान खंडेलवाल, चंद्रशेखर अग्रवाल, राकेश सोनी, दौलत मनवानी ,हंसराज तंनवर, महेंद्र सिंह पंवार , शिव तिवारी, फिरोजा सिद्दीकी,अनिल सिंह ,अनिल रुचंदनी , सरिता सिंह , ऋषी शुक्ला, मोहन गुप्ता ,दिनेश प्रताप सिंह की उपस्थिति रही। प्रतियोगिता के निर्णायक हीरालाल विश्वकर्मा ,संतोष महरा और साधना कुशवाहा रहे।
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