In 49 villages of Beauhari will be irrigation in the fields through pipeline
शहडोल. ब्यौहारी तहसील के अंतर्गत ग्राम बहेरिया के पास पंप हाउस का निर्माण कर पाइप लाइन के माध्यम से ब्यौहारी तहसील के अंतर्गत ४९ गांवों की रबी 7000 हेक्टेयर एवं खरीफ 3100 हेक्टेयर क्षेत्र सिंचाई प्रस्तावित की गई है। इसके लिए मध्यप्रदेश शासन द्वारा जिले की ब्यौहारी तहसील में 116.78 करोड़ की लागत से हिरवार माइक्रो सिंचाई परियोजना को स्वीकृति प्रदान की गई है। इस माइक्रो परियोजना का स्त्रोत बाणसागर जलाशय है और इसकी आधारशिला एक सितम्बर को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान रखेंगे। गौरतलब है कि बाणसागर वृहद परियोजना के निर्माण से जिले की 16074 हेक्टेयर भूमि डूब में आई थी एवं अनेक परिवार विस्थापित हुए थे। इस तथ्य को संज्ञान में रखते हुए बाणसागर जलाशय के हिस्से के भंडारित जल का अधिकतम उपयोग करते हुए जिले को उक्त परियोजना की सौगात दी गई है।
क्या है माइक्रो परियोजना
बताया गया है कि वर्तमान परिवेश में जल की बढ़ती मांग को देखते हुए पानी की एक एक बूंद को उपयोगी बनाने के लिए सिंचाई विभाग द्वारा मोर क्राफ पर ड्राप की अभिनव परिकल्पना के तहत माइक्रो ङ्क्षसचाई योजना का क्रियांवयन प्रारंभ किया गया है। हिरवार माइक्रो सिंचाई परियोजना इसी परिकल्पना की एक कड़ी है। जिसकी पूर्णता के पश्चात लगभग ७५ करोड़ रुपए का प्रतिवर्ष अतिरिक्त उत्पादन होगा। जिससे लाभांवित कृषकों की आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति में सुधार होगा, भू-जल स्तर में वृद्धि होगी और पशुओं को भी पर्याप्त चारा व पीने का पानी उपलब्ध होगा।
यह गांव होंगे लाभांवित
उक्त परियोजना से ब्यौहारी तहसील के ग्राम सरसी, ओदारी, पथरेही, जमुनी, हिनौता, अंकौरी, इंदवार, टिकुरीटोला, बहेरिया, बिलकुड़ा, उजराबरा, कछराटोला, घिनौची, तेन्दुहा, पतेह, बराबघेला, रेउसा, सकन्दी, हिरवार, पडऱी, पपौध, विजयसोता, छिवलाकछार, दलको, कोतार, दलको जागीर, दुअरा, निपनिया-339, निपनिया-340, निपनिया-341, खारीबड़ी, खारीछोट, खुसरिया, जमुनिहा, पपौढ, छूही, बरा, अल्हारा, उमरगढ़, खरहरा, पोंडीखुर्द, बरहठा, मैर और देवर्दा गांवों के किसानों का लाभांवित किया जाएगा।
इनका कहना है
आगामी एक सितम्बर को उक्त परियोजना की आधारशिला मुख्यमंत्री द्वारा रखी जाएगी, निर्माण एजेन्सी इंदौर की फलौदी कास्ट्रेक्शन एण्ड इन्फ्रास्टक्चर को बनाया गया है। यह कार्य आगामी जून 2021 में पूर्ण होगा।
धनराज आंकरे, कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन विभाग, शहडोल