साबन माह में नदी और बोर से सिंचाई कर किसान लगा रहे खेत में धान का रोपा, कम बारिश ने किया निराश
शाहडोलPublished: Aug 02, 2018 04:40:10 pm
तेज बारिश के लिए किसानों की आसमान की ओर टकटकी
साबन माह में नदी और बोर से सिंचाई कर किसान लगा रहे खेत में धान का रोपा, कम बारिश ने किया निराश
साबन माह में नदी और बोर से सिंचाई कर किसान लगा रहे खेत में धान का रोपा, कम बारिश ने किया निराश
शहडोल. धान का रोपा लगाने किसान तेज बारिश के लिए आसमान की ओर अकटकी लगाए हुए है। लेकिन आसमान में मडराते बादल किसानों की सुन नहीं रहे है। क्षेत्र के किसान विवश होकर नदी, बोर से सिंचाई कर खेत में धान का रोपा लगा रहे है। इससे किसानों की उपज मारी जाएंगी। फिर भी मरते क्या न करते की कहावत को किसान चारितार्थ कर रहे है।
बरसात का साबन का महीना शुरू हो गया है। लेकिन बारिश खेती किसानी के लिए पर्याप्त नही हुई है। जिससे किसानों के माथे पर चिंता की लकीरे गहरी होती जा रही है। कम बारिश में किसान खेत में उड़द, सोयावीन, रामतिल, ज्वार, मक्का की बोनी तो कर लिए है। लेकिन धान का रोपा लगाने के लिए बारिश का इंतजार करना पड़ रहा है। धान का रोपा लगाने के लिए दस दिन का समय और बचा है। अगर इतने में भी तेज बारिश नहीं हुई तो किसानो की उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है।
कृषि विशेषज्ञों की माने तो धान का रोपा 15 अगस्त तक लगाया जा सकता है। इसके लिए आक्टूबर तक अगर पर्याप्त बारिश नहीं हुई तो धान पकने में पानी कम पड़ जाता है। इसलिए किसान दूसरे अन्य स्वोतों से सिचाई कर धान का रोपा लगाना शुरू कर दिए है। लेकिन धान का रोपा लगाने के लिए जिले की अधिकांश तहसीलों में पर्याप्त बारिश नहीं हुई है। संभागीय मुख्यालय के समीपी एक दर्जन गांव के लोगों ने बताया कि धान का रोपा लगाने के लिए अब तक पर्याप्त बारिश नहीं हुई है। जबकि रोपा लगाने का समय निकलता जा रहा है। अगर दस दिन पानी और नहीं गिरा तो धान का रोपा नहीं लग पाएंगा। साबन के इस महीने में किसी खेत में बूद भर पानी नहीं है। रिमझिम पानी तो रोज गिर रहा है। लेकिन पानी जब तक खेतों में नहीं भरेगा धान का रोपा नहीं लग पाएंगा।