scriptIn the population of 86 thousand, only 25 percent people are doing wet | 86 हजार की आबादी में 25 प्रतिशत लोग ही गीला व सूखा कचरा कर रहे अलग-अलग | Patrika News

86 हजार की आबादी में 25 प्रतिशत लोग ही गीला व सूखा कचरा कर रहे अलग-अलग

locationशाहडोलPublished: Jun 08, 2023 11:56:50 am

Submitted by:

shubham singh

नपा को नॉडेप में करनी पड़ती है मशक्कत

86 हजार की आबादी में 25 प्रतिशत लोग ही गीला व सूखा कचरा कर रहे अलग-अलग
86 हजार की आबादी में 25 प्रतिशत लोग ही गीला व सूखा कचरा कर रहे अलग-अलग

शहडोल. नगर को साफ सुथरा बनाने भले ही नगरपालिका हर वर्ष करोड़ो रुपए खर्च कर रही है। लेकिन गंदगी फैलाने से लेकर कचरा संग्रह करने तक लोगों में अभी भी जागरुकता की कमी है। 86 हजार आबादी वाले इस शहर का दायरा 24.5 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। जहां प्रतिदिन करीब 22 मैट्रिक टन सूखा व 14 मैट्रिक टन गीला कचरा निकलता है। कचरा संग्रह के लिए शहर में 15 वाहनों को लगया गया है। जिसमें गीला व सूखा कचरा के साथ ही बायोमेडिकल कचरा के लिए अलग-अलग बॉक्स बनाया गया है। जिसमें घरों से निकलने वाले कचरा को एकत्रित किया जाता है। लेकिन 86 हजार की जनसंख्या में कुल 25 प्रतिशत लोग ही गीला व सूखा कचरा को अलग-अलग बॉक्स में डालते हैं। जिसके कारण नगरपालिका को अलग से कचरा छांटने के लिए कर्मचारियों को लगाना पड़ता है। इतना ही नगर को साफ सुथरा रखने में भी लोग जागरुक नहीं हैं।
दुकानदारों पर लगेगा स्पॉट फाइन
नगरपालिका गंदगी फैलाने वालों पर अब स्पॉट फाइन लगाने की कार्ययोजना तैयार कर ली है। जिसमें खुले में कचरा फेंकने वालो पर स्पॉट फाइन लगाया जाएगा। जिसमें बाहर कचरा फेंकने वाले पर 100 रुपए, खुले में कचरा फेंकने पर 500 रुपए लिया जाएगा। वहीं पॉलीथिन का विक्रय करने पर पहली बार 1000 रुपए वहीं दूसरी बार गलती पाए जाने पर 5000 रुपए का जुर्माना लगाया जा रहा है। वहीं छोटे दुकानदार पर 200 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। नपा ने पिछले वर्ष गंदगी फैलाने पर 32 हजार रुपए का जुर्माना वसूला है।
वाहनों में गीला व सूखा कचरा रखने लेखन नहीं
कचरा संग्रह को लेकर नपा की लापरवाही देखी जा रही है। कचरा संग्रह करने वाले पुराने वाहनों में लेखन नहीं किया गया है। जिसके कारण कचरा डालने में धोखा हो जाता है। नगरपालिका के नए वाहनों में तो लेखन किया गया है। लेकिन पुराने वाहनों से लेखन या तो मिट गया है या फिर लिखा ही नहीं गया। जिसके कारण लोग एक साथ सभी प्रकार का कचरा डाल देते हैं। जिसे अलग करने के लिए नपा कचरा प्लांट में 10 कर्मचारियों को अलग से तैनात किया गया है।
अलग-अलग कचरा डालने से कम होगा काम
सीएमओ अमित तिवारी कहते हैं, पिछले वर्ष शहडोल स्वच्छता रैंकिंग में 14 नंबर पर था। अब और बेहतर करने का प्रयास कर रहे हैं। शहर से निकलने वाले कचरे को लोग एक साथ वाहन में डाल रहे हैं। इससे ट्रेंचिंग ग्राउंड में अलग-अलग करने में काफी समस्या आ रही है। इसके साथ ही अन्य लोगों को भी लगाना पड़ रहा है। शहर की जनता घरों से निकलने वाले गीले, सूखे और अन्य कचरे को अलग-अलग कर वाहन में डालेगी तो अतिरिक्त कर्मचारियों को भी नहीं लगाना पड़ेगा।
नहीं है तौल मशीन
नगरपालिका के पास कचरा तौल के लिए मशीन उपलब्ध नहीं है जिसके कारण गाडिय़ों को प्राइवेट मशीन से तौल कराया जाता है। नगरपालिका ने बताया कि एक बार कचरे की सभी गाडिय़ों को खाली व लोड तैयार करा लिया गया है। उसी के अनुसार हर रोज वजन निकाल लिया जाता है।

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