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इस मुहूर्त में करें विवाह, बरसेगा प्यार, होगा फलदायी

locationशाहडोलPublished: Feb 08, 2018 04:16:26 pm

Submitted by:

shivmangal singh

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In this Muhurta, marriage will be done, will be fruitful
मंडला- डेढ़ माह पूर्व 14 दिसंबर 2017 को मलमास लगने के साथ ही शुभ कार्यों पर रोक लगी हुई थी। हर साल मकर संक्रांति के बाद सूर्य के उत्तरायण होते ही शुभ कार्य और विवाह मुहूर्तों की शुरुआत हो जाती है। लेकिन इस बार वर्ष 2018 में ऐसा नहीं हो पाया क्योंकि विवाह के लिए कारक माना जाने वाला शुक्र तारा भी अस्त हो चुका था। अब डेढ़ माह बाद 3 फरवरी को शुक्र तारा उदित हो चुका है।
इसके साथ ही अब फिर से शादी की शहनाईंयां गूंजने लगी हैं। लेकिन विवाह के लिए शुभ तिथियां यजमानों को सिर्फ २० दिन ही उपलब्ध रहेंगे क्योंकि २३ फरवरी से होलाष्टक शुरु होने से विवाह पर विराम लग जाएगा। इसके अलावा १4 मार्च से भी मीन मलमास लग रहा है। तिथि गणना के अनुसार, 14 मार्च से 14 अपै्रल तक मीन मल मास रहेगा। मीन मलमास में सूर्य मलीन अवस्था में माना जाता है। इसके चलते एक माह तक फिर विवाह मुहूर्त नहीं है।
यही कारण है कि ऐसे परिवार, जहां विवाह योग्य संतानें हैं वहां उक्त २० दिनों के दौरान ही विवाह संस्कार को संपन्न कराए जाने की तैयारी चल रही है। पंडित राकेश शास्त्री के अनुसार, शास्त्रों में गुरु व शुक्र को ग्रह तारा माना गया है। जब गुरु व शुक्र तारा अस्त होता है तो किसी भी तरह के शुभ कार्य करने की मनाही होती है। ज्योतिष शास्त्र में शुक्र को भोग-विलास और दाम्पत्य जीवन का स्थिर कारक माना गया है। ज्योतिष के अनुसार यदि शुक्र के अस्त होने पर विवाह किया जाए तो पति-पत्नी का दांपत्य जीवन मधुर नहीं होता। दंपति का जीवन कलहपूर्ण होता है।
शुक्र-गुरु दोनों हों उदित
आजाद वार्ड निवासी पंडित शास्त्री के अनुसार शुक्र तारा भोग, विलास का कारक होने के कारण दाम्पत्य जीवन में सुख प्रदान करने वाला होता है। इसी तरह गुरु कन्या के लिए पतिकारक होता है। आकाश मंडल में जब दोनों तारा , ग्रह उदित अवस्था में हो तभी विवाह करना चाहिए। होली के आठ दिन पहले से शुभ कार्य नहीं करने की मान्यता के चलते 23 फरवरी से होलाष्टक शुरू हो जाएगा। होलाष्टक शुरू होने से लेकर होली तक शुभ कार्य नहीं किए जाएंगे।
वर्ष 2018 में कुल 45 मुहूर्तों में ले सकेंगे फेरे
वर्ष 2018 में फरवरी से लेकर दिसंबर तक शादी-ब्याह के लिए कुल 45 मुहूर्त ही श्रेष्ठ हैं। सबसे ज्यादा नौ मुहूर्त जून महीने में पड़ रहा है।
अगस्त से नवंबर तक कोई मुहूर्त नहीं
जुलाई माह में चातुर्मास शुरू होगा जो नवंबर तक चलेगा। चातुर्मास के चार माह में विवाह मुहूर्त नहीं है।
यें हैं शुभ मुहूर्त
फरवरी- . 3, 4, 6, 7, 18
मार्च – 3, 5, 7, 8, 12
अप्रैल- 18, 19, 20, 24, 25, 27, 29
मई- 1, 3, 5, 6, 9, 11, 12
जून- 17, 18, 1९, 2०, 21, 22, 25, 27, 23
जुलाई- 2, 3, 5, 6, 10, 11,15
दिसंबर- 10, 11, 13, 14, 15
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