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शाहडोल

अवैध वसूली मामले की जांच पूरी, कलेक्टर के दफ्तर में अटकी कार्रवाई की फाइल

जिला अस्पताल में इलाज के नाम पर पैसा लेने का मामला

शाहडोलApr 10, 2024 / 11:57 am

Ramashankar mishra

अवैध वसूली मामले की जांच पूरी, कलेक्टर के दफ्तर में अटकी कार्रवाई की फाइल

अवैध वसूली मामले की जांच पूरी, कलेक्टर के दफ्तर में अटकी कार्रवाई की फाइल

शहडोल. जिला चिकित्सालय में इलाज के नाम पर पैसा लेने वाले चिकित्सक के खिलाफ जांच रिपोर्ट तैयार होने के एक सप्ताह बाद भी कार्रवाई नहीं हो सकी। वहीं जिला चिकित्सालय से आए दिन पैसा लेने के मामले सामने आ रहे हैं। बीते महीने अस्पताल प्रबंधन ने पैसे लेने के मामले में एक चिकित्सक पर निलंबन की कार्रवाई भी कि थी। बावजूद इसके सर्जरी विभाग में ग्रामीण क्षेत्र से आए मरीजों से मोटी रकम वसूल कर सर्जरी करने का सिलसिला जारी है। जिला चिकित्सालय में 11 जनवरी 2024 को एक आदिवासी युवक के पेट में तकलीफ होने पर ऑपरेशन करने के लिए सर्जरी विभाग के चिकित्सक ने 6 हजार रुपए की मांग की थी। युवक के पास पैसा न होने पर 4 हजार रुपए दिया जिसके बाद उसका ऑपरेशन हो सका था। सर्जरी के नाम पर पैसा वसूलने का मामला जैसे ही तूल पकड़ा तो मरीज पर दबाव बनाकर मामले को दबा दिया गया। लेकिन तत्कालीन कलेक्टर ने मामले को संज्ञान में लेते हुए प्रशासनिक अधिकारियों की एक टीम गठित कर जांच बैठाई थी। बीते सप्ताह टीम अस्पताल पहुंचकर जांच रिपोर्ट तैयार कर कलेक्टर को सौंपी है, लेकिन एक सप्ताह बाद भी कार्रवाई नहीं हो सकी।
अधिकारियों की बनाई गई थी टीम
कलेक्ट्रेट की जानकारी के अनुसार अस्पताल में पैसा लेकर इलाज करने की शिकायत पर 4 से 5 प्रशासनिक अधिकारियों की टीम गठित की गई थी। जिसमें डिप्टी कलेक्टर, तहसीलदार लेवल के अधिकारी शामिल थे। एक सप्ताह पहले अस्पताल पहुंचकर टीम ने जांच कर रिपोर्ट कलेक्टर को सौंप दिया है। वहीं सीएमएचओ कार्यालाय से भी एक टीम गठित कर जांच कराई जा रही है। जिसमें डीएचओ-1 डीएचओ-2 के साथ अन्य अधिकारी शामिल हंै। अब सवाल यह उठता है कि दो अलग-अलग टीमों की जांच के बाद भी अब तक संबंधित चिकित्सक के विरुद्ध कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है।
रसूख के चलते अटकी कार्रवाई
जानकारों की माने तो सर्जरी विभाग में पदस्थ चिकित्सक अपने रसूख के चलते पहले तो पैसा लेने वाले मरीज पर दबाव बनाकर बयान बदलवा दिया। जबकि पैसा लेने की बात पीडि़त मरीज पैसा लेने वाले चिकित्सक के नाम सहित बता रहा है। जिसका वीडियो भी अस्पताल प्रबंधन तक पहुंच चुका था। बावजूद इसके प्रबंधन अबतक चिकित्सक पर कार्रवाई नहीं कर सका। टीम ने बयान भी लिया है। टीम ने रिपोर्ट में भी यह बात लिखी है कि अस्पताल में बार-बार रुपए लेकर इलाज के मामले आ रहे हैं।
इनका कहना है
कुछ दिनों पहले कलेक्ट्रेट से एक टीम अस्पताल आई थी, पैसा लेने के मामले में कुछ बयान लेकर रिपोर्ट तैयार की थी, सीएमएचओ कार्यालय से जांच कराए जानेे की जानकारी नहीं है।
डॉ. जीएस परिहार, सिविल सर्जन

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