जिसमें मुख्यालय सहित आसपास के क्षेत्र के सैकड़ों ग्रामीण एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित हुए, कार्यक्रम की शुरूआत में पूजन के लिए जैसे ही जनपद अध्यक्ष के रूप मे अम्बेश्वरी श्याम का नाम पुकारा गया, वैसे ही रंजीता परस्ते ने आपत्ति जताई और विवाद की स्थिति निर्मित होते ही रंजीता परस्ते ने भरे मंच पर ही जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी आरके पालनपुरे को तमाचा जड़ दिया। जिसके बाद मंच पर लोंगो की भीड़ लग गई।
जिसके बाद करीब एक घंटे तक मंच पर ही वाद-विवाद होता रहा। कार्यक्रम से संबंधित पार्टी के लोग एवं कर्मचारियों ने रंजीता परस्ते द्वारा थप्पड़ मारने का विरोध किया।
घटना के बाद जनपद पंचायत के सभी कर्मचारी सीईओ के साथ आवेदन बनाकर थाने पहुंचे। इस दौरान मंच पर उपस्थित पुलिस कर्मियों ने बीच बचाव करते हुए भीड़ को शांत कराया। बताया गया है कि कार्यक्रम के लिए मुख्य कार्यपालन अधिकरी द्वारा जो कार्ड वितरित किये गए थे, उसमें जनपद पंचायत अध्यक्ष के नाम पर अम्बेश्वरी का नाम दर्शित किया गया था। जिस पर रंजीता परस्ते ने प्रतिरोध कर कहा कि जब आविश्वास एवं चुनाव प्रक्रिया के लिए हाईकोर्ट का स्टे-आर्डर ले लिया गया है तो अम्बेश्वरी को अध्यक्ष के रूप मे कैसे दर्शित किया जा सकता है।
इसके बाद जनपद पंचायत सीईओ करंजिया एवं रंजीता परस्ते के बीच में दो दिन पहले चर्चा भी कार्यालय में की गई थी। बताया गया है कि सीईओ द्वारा की गई लिखित शिकायत पर पुलिस ने रंजीता परस्ते के खिलाफ धारा 186, 332, 355, 323 भादवि. के तहत मामला कायम किया है। बताया गया है कि कार्यक्रम मे शामिल होन दूर-दूर से आए ग्रामीण तमाशा देखते रहे। वह पूरे दिन धूप में बैठे रह गए। विवाद के चालू होतेे ही दोनों पक्ष के लोग मंच से गायब हो गए।
मामला कायम कर लिया गया है
करंजिया थाना के उप निरीक्षक एसएस रामटेकर ने कहा सीईओ करंजिया ने महिला के खिलाफ अभद्रता एवं मारपीट करने की शिकायत पर मामला कायम कर लिया गया है। महिला ने भी शिकायत आवेदन दिया है।
अभद्रता करते हुए कॉलर पकड़कर मुझे मारने लगीं
करंजिया के मुख्य कार्यपालन अधिकारी आरके पालनपुरे के मुताबिक मैं कार्यक्रम संचालन करवा रहा था, फिर पीछे जाकर बैठ गया गया, रंजीता परस्ते आर्इं और अभद्रता करते हुए कॉलर पकड़कर मुझे मारने लगीं।
मैं हाईकोर्ट से स्टे ऑर्डर ले आई हूं
वहीं रंजीता परस्ते का कहना है कि जनपद अध्यक्ष के लिए मैं हाईकोर्ट से स्टे-आर्डर ले आई हूं, फिर भी सीईओ राजनैतिक पार्टियों के साथ मिलकर मेरा नाम आमंत्रण-पत्र से हटाकर मंच पर अम्बेश्वरी का नाम बुलवा रहे थे।