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गिरदावारी न होने से किसान हो रहे लाभ से वंचित
बरगवां. जैतपुर तहसील अंतर्गत ग्रंाम पंचायत अमलाई में खरीफ फसल की हल्का पटवारी द्वारा गिरदाबली नही की गई । पटवारी ने राजस्व अभिलेख में पिछले वर्ष दर्ज गिरदावली को आधार बनाकर खाना पूर्ति कर ली गई है। जिससे इस वर्ष कौन से खेत में कौन सी फसल की बोनी की गई है। खसरें में दर्ज नहीं है। इसी तरह शासकीय भूमि पर हुए अतिक्रमण का उल्लेख तक नही है। जबकि गिरदावरी करने से सारी चीजे स्पष्ट हो जाती है । कृषि समिति के पूर्व सभापति काशी शर्मा ने कहा इस वर्ष पुन: तहसील सूूखा प्रभावित है। अवर्षा से किसान धान का रोपा तक नहीं लगा सके है। अब रवी फसल के सिचाई के लिए पानी नहीं है। गिरवा, बलबहरा अमलाई, बरगवां, देवरी, खरला आदि गांव ऐसे है जहंा किसान बीज खरीफ फसल के बीज से वंचित हो गए है। किसानो ने सहकारी समिति के माध्यम से फसल बीमा भी कराया है। लेकिन हल्का पटवारियों के उदासीनता के कारण गिरदवारी न होने से किसान लाभ से बंचित हो रहे है।
गिरदावारी न होने से किसान हो रहे लाभ से वंचित
बरगवां. जैतपुर तहसील अंतर्गत ग्रंाम पंचायत अमलाई में खरीफ फसल की हल्का पटवारी द्वारा गिरदाबली नही की गई । पटवारी ने राजस्व अभिलेख में पिछले वर्ष दर्ज गिरदावली को आधार बनाकर खाना पूर्ति कर ली गई है। जिससे इस वर्ष कौन से खेत में कौन सी फसल की बोनी की गई है। खसरें में दर्ज नहीं है। इसी तरह शासकीय भूमि पर हुए अतिक्रमण का उल्लेख तक नही है। जबकि गिरदावरी करने से सारी चीजे स्पष्ट हो जाती है । कृषि समिति के पूर्व सभापति काशी शर्मा ने कहा इस वर्ष पुन: तहसील सूूखा प्रभावित है। अवर्षा से किसान धान का रोपा तक नहीं लगा सके है। अब रवी फसल के सिचाई के लिए पानी नहीं है। गिरवा, बलबहरा अमलाई, बरगवां, देवरी, खरला आदि गांव ऐसे है जहंा किसान बीज खरीफ फसल के बीज से वंचित हो गए है। किसानो ने सहकारी समिति के माध्यम से फसल बीमा भी कराया है। लेकिन हल्का पटवारियों के उदासीनता के कारण गिरदवारी न होने से किसान लाभ से बंचित हो रहे है।