शहडोल। बेरोजगार दूर करने और युवाओं को स्वरोजगार स्थापाति करने के लिए सरकार द्वारा उद्योग कार्यालय से जिले में तीन प्रकार की योजनाएं संचालित की जा रहीं हैं। स्वरोजगार के प्रकरणों में उद्योग विभाग और बैंकों की उदासीनता भी सामने आ रही है। हालात यह हैं कि मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना में विभाग और बंैकों द्वारा इस वर्ष केवल ४ युवाओं को ह?
रोजगार र दिया गया है। इसके अलावा विभाग से संचालित मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना और प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के भी यही हालात हैं।
जिन प्रकरणों को विभाग द्वारा बैंकों तक पहुंचा दिया गया है, उसे भी बैंकों द्वारा पास नहीं किया जा रहा है। हितग्राही बैंकों और उद्योग विभाग के चक्कर काट रहे हैं। वेरोजगार युवाओं को रोजी-रोटी से लगाने के लिए सरकार द्वारा उद्योग विभाग से मुख्यमंत्री युवा उद्यमी के तहत वेरोजगार १० लाख से १ करोड़ तक ऋण दिया जाता है। इसमें विभाग को २४ प्रकरणों का टारगेट दिया गया, जिसमें से अभी तक केवल ४ प्रकरण में लाभ दिया गया है। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना जिसमें हितग्राही २० हजार से लेकर १० लाख तक ऋण विभाग से ले सकता है, इसमें उसे १५ से ३० प्रतिशत राशि का अनुदान प्राप्त होगा। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम भी संचालित है, इसमें भी हितग्राहियों को लाभांवित करने लक्ष्य दिया गया है।
प्रतिदिन जिले के युवा उद्योग विभाग में ऋण लेने पहुंचते हैं। रोजगार के प्रकरणों में उद्योग विभाग हितग्राहियों के प्रकरण की फाइल लेकर बैंकों तक पहुंचाते तो हैं, पर प्रकरण पास कराने के लिए हितग्राही बैंक और उद्योग विभाग के बीच फुटबाल बन जाता है।
बॉक्स….अभी इन युवाओं को मिला बड़ा ऋण
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इस वित्तीय वर्ष में जिला उद्योग कार्यालय से साबिया खान को ५० लाख का ऋण रेस्टोरेंट के लिए, ब्यौहारी के अभिमन्यू सिंह को ५० लाख राइस मिल के लिए, अहमद रजा खान को बैग उद्योग के लिए २१ लाख और संध्या पांडे को ११ लाख रूपए डिस्पोजल निर्माण् के लिए मिला है। इसके अलावा कुछ प्रकरण सेंक्शन हो चुके हैं, जिसमें अर्चिता सिंह स्टोन क्रेशर ९२ लाख, अमन कटारे २० लाख सीमेंट र्इंट, आगम जैन ५० लाख राइस मील के प्रकरण सेंक्शन हुए हैं।