बच्चों व परिजनोंं का कैसे पालें पेट
घर में हम बुजुर्ग लोग भूखे पेट भी रह सकतें हैं, लेकिन बच्चों व घर के अन्य सदस्यों को पेट कैसे पाले? इसकी चिंता सता रही है। अब तो कोटा के राशन पर ही भरोसा है।
प्रेमिया बैगा, वृद्धा
ग्राउंड रिपोर्ट-प्रशासन की मदद पर टिकी निगाहें, कोटा के राशन के भरोसे हैं पतेरिया टोला के रहवासी
शाहडोल•Apr 14, 2020 / 09:36 pm•
brijesh sirmour
लॉकडाउन : खत्म हो गया है राशन, पेट भरने को पड़ रहे लाले,घर पर रहना मुश्किल
शहडोल. संभागीय मुख्यालय से लगे ग्राम पंचायत कोटमा के पतेरिया टोला में करीब 50-60 घरों की बस्ती में निवासरत बैगा परिजनों को कोरोना वायरस के संक्रमण काल में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बैगा परिवार में शासकीय दुकानों से मिलने वाला राशन लगभग समाप्त हो गया है और उनके खातों में रुपया भी नहीं है। ऐसी दशा में उनको खाने के लाले पड़ गए है और उनकी पूरी उम्मीद अब प्रशासन की मदद पर टिकी है। हालात यह है कि सामाजिक कार्यकर्ता पिछले 15 दिनों में महज एक दिन भोजन पहुंचाने पहुंचे है। इसके बाद उनकी बस्ती में कोई झाकने तक नहीं पहुंचा है। बैगा बस्ती निवासी बउरा बैगा, पिंकी बैगा, प्रेमिया बैगा और धीमल चौरसिया ने बताया है कि वह मेहनत मजदूरी करके अपना व अपने परिवार का जीपकोपार्जन करते हैं, लेकिन पिछले 15 दिनों से लॉकडाउन की वजह से वह मेहनत मजदूरी करने भी नहीं जा पा रहे है। जब तक घर पर राशन है, तब तक वह पकाकर भोजन करने के बाद खाली बैठे रहते हैं। इस दौरान पुलिस भी आती है और घर के अंदर रहने को कहती है, मगर जब घर पर राशन होगा तभी वह घर पर रहेगे। हालात यह है कि यदि आगामी दो-चार दिनों में उन तक राशन नहीं पहुंचा तो उन्हे फिर भूखे पेट ही सोना पड़ेगा।
बाजार से नहीं खरीद सकते राशन
कोटा से तीन महीने का राशन मिला था, जो अब खतम हो गया है। बाजार से राशन खरीदने के लिए हमारे पास पैसा नहीं है। ऐसे में हम क्या करेंï? समझ में नहीं आ रहा है।
बउरा बैगा, मजदूर
बच्चों व परिजनोंं का कैसे पालें पेट
घर में हम बुजुर्ग लोग भूखे पेट भी रह सकतें हैं, लेकिन बच्चों व घर के अन्य सदस्यों को पेट कैसे पाले? इसकी चिंता सता रही है। अब तो कोटा के राशन पर ही भरोसा है।
प्रेमिया बैगा, वृद्धा