दोबारा नहीं आए 30 कुपोषित बच्चे
एनआरसी में अप्रैल, मई, जून और जुलाई में करीब 30 कुपोषित बच्चों का चारो फॉलोअप नहीं हुआ। इसमें से कुछ बच्चे एक फॉलोअप के बाद तो कुछ दूसरे फॉलोअप के बाद एनआरसी में फिर नहीं आए। इससे ये सभी बच्चे कुपोषित ही रह गए। दरअसल कुपोषित बच्चों के साथ उनके परिजन या माता भी बच्चों के साथ रहते हैं। इसमें उनके लिए खाने की सबसे बड़ी समस्या होती है। सुबह चाय और बिस्किट के बाद सीधे दोपहर में उन्हें खाना मिलता है। इस बीच सुबह दस बजे के करीब उनको खाना खाने के लिए बाहर जाना पड़ता है। इसकी वजह से काफी संख्या में परिजन फिर से बच्चों को लेकर नहीं आते हैं।
एक बच्चे पर 1680 खर्च
एक बच्चे पर 1680 खर्च, परिजनों की भी लापरवाही, भूल जाता है मैदानी अमला
यह हालत तब है जब कुपोषित बच्चों के साथ भर्ती माताओं को भत्ता भी मिलता है। कुपोषित बच्चों के परिजनों को एक फॉलोअप यानि 14 दिन के लिए 1680 रुपए क्षतिपूर्ति भत्ता मिलता है। दरअसल एनआरसी में कुपोषित बच्चों के साथ भर्ती माताओं को उचित समझाइश नहीं मिल रही है। इसके चलते वे बच्चों की स्वास्थ्य को लेकर गंभीर नहीं हो पा रही है और पूरे फॉलोअप नहीं करा रही हैं।