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शाहडोल

कलेक्टर के हस्तक्षेप के बाद भी प्रसूता को नहीं मिला इलाज

तीन जगह से रेफर होकर आई थी प्रसूता

शाहडोलDec 15, 2020 / 09:06 pm

amaresh singh

Maternity did not get treatment even after collector’s intervention

कलेक्टर के हस्तक्षेप के बाद भी प्रसूता को नहीं मिला इलाज

शहडोल। जिला अस्पताल में डॉक्टर अपनी मनमर्जी पर उतर आए हैं। जिला अस्पताल की हालत यह है कि प्रसूताओं के इलाज के लिए कलेक्टर तक को हस्तक्षेप करना पड़ रहा है। एक महिला डॉक्टर ने तो प्रसूता को महज इसलिए जिला अस्पताल से भगा दिया कि उसने उसकी शिकायत कलेक्टर से की थी। उमरिया जिले की पिनौरा गांव निवासी अंजनी यादव तीन जगह से रेफर होने के बाद जिला अस्पताल इलाज के लिए पहुंची थी लेकिन प्रसूता को जिला अस्पताल में भी इलाज नहीं मिल रहा था। इस पर प्रसूता के परिजनों ने कलेक्टर से महिला डॉक्टर की शिकायत कर दी। इसके बाद कलेक्टर के हस्तक्षेप बाद प्रसूता का इलाज शुरू हुआ लेकिन प्रसूता के परिजनों ने जिस महिला डॉक्टर की शिकायत कलेक्टर से की थी वह शिकायत किए जाने से इतनी नाराज थी कि उसने ड्रिप लगाने के बाद भी दर्द से कराह रही प्रसूता को जिला अस्पताल से भगा दिया। महिला डॉक्टर के अस्पताल से भगाये जाने के बाद प्रसूता एक निजी अस्पताल में पहुंची। इसके बाद निजी अस्पताल में प्रसूता का इलाज शुरू किया गया। इस दौरान परिजन बेहद नाराज नजर आए। उन्होंने कहा कि कलेक्टर के हस्तक्षेप के बाद भी जिला अस्पताल में इलाज नहीं मिल पाया।

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