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पटवारी भर्ती परीक्षा में इस सब्जेक्ट से आ सकते हैं ज्यादा सवाल

locationशाहडोलPublished: Nov 16, 2017 01:41:57 pm

Submitted by:

Shahdol online

पंचायतों की पंचायत से होना होगा वाकिफ

नाना पाटेकर का पटवारी में सिलेक्शन हो गया

नाना पाटेकर का पटवारी में सिलेक्शन हो गया

शहडोल- पटवारी भर्ती परीक्षा के लिए आवेदन करने का समय खत्म हो चुका है। और अब सभी परीक्षार्थी पूरे लगन के साथ तैयारी करने में जुट गए हैं। पटवारी भर्ती परीक्षा की तैयारी कैसे करें इसे लेकर युवाओं के मन में पनप रही जिज्ञासा समाप्त होने का नाम ही नही ले रही है। पटवारी भर्ती परीक्षा में सफलता हासिल करने की जिन्होंने ठान रखी है वो जी तोड़ मेहनत में जुट गये हैं। इसके लिये जहां से जितनी सामग्री जुटा सकते हैं वह उसका उपयोग कर अपना ज्ञान बढ़ाने में लगे हुये है। कोई हिन्दी और गणित के पीछे भाग रहा है तो कोई सामान्य ज्ञान और कम्प्यूटर विज्ञान की किताबों में उलझा हुआ है। पटवारी भर्ती परीक्षा में पास होने के लिए 100 प्रश्नों के प्रश्नपत्र को अभ्यर्थियों द्वारा 2 घंटे की समय सीमा में हल करना होगा। यह 100 प्रश्नपत्र पांच विषयों से संबंधित होंगे। जिसे देखते हुये अभ्यर्थी यह आंकलन कर रहे हैं कि प्रत्येक विषय से 20-20 प्रश्न परीक्षा में लिये जायेंगे। वहीं जानकारों की राय इससे परे हैं। जानकारों का मानना है कि अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में ग्रामीण अर्थव्यवस्था व पंचायत राज विषय को विरले ही शामिल किया जाता है।
पटवारी भर्ती परीक्षा में इस विषय को विशेष महत्व दिया गया है। ऐसे में इस विषय से प्रश्नों की संख्या ज्यादा हो सकती है। ऐसे में अभ्यर्थियों को सबसे ज्यादा पंचायतों की पंचायत के पचड़े को समझने की ज्यादा आवश्यक्ता है।
कैसे संचालित होती हैं व्यवस्थायें ?
पंचायती राज में ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत व जिला पंचायत की संरचना की जानकारी होना आवश्यक है। इसके साथ ही ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत व जिला पंचायत के जन प्रतिनिधियों के निर्वाचन, यहां के वार्डों का निर्धारण व जन प्रतिनिधियों की भूमिका को जानना व परखना भी महत्वपूर्ण होगा।
पंचायतों की व्यवस्था होगी अहम
ग्रामीण अर्थव्यवस्था व पंचायत राज के तहत अभ्यर्थियों को पंचायतों की व्यवस्था की पूरी जानकारी होना अनिवार्य है। जिसमें पंचायत राज का गठन कब हुआ इसमें संसोधन कब हुआ। संसोधन के बाद किन-किन बिंदुओं को जोड़ा गया इसकी ज्ञान आवश्यक है। इसके साथ ही संवैधानिक दर्जा, त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था, पंचायत, संरचना, पंचायतों का आरक्षण, निर्वाचन, कार्यालय का विनिश्चित निर्वाचन, राज्य निर्वाचन, आयोग का गठन, पंचायतो में कार्यकारी अधिकारी के साथ ही अन्य व्यवस्थाओं से जुड़े पहलुओं की बारीकियों को समझने की आवश्यक्ता है। अभ्यर्थियों के लिये ग्रामीण अर्थव्यवस्था व पंचायत राज की बारीकियों को समझ पाना इतना आसान नही होगा। इसके लिये उन्हे इसकी तमाम गतिविधियों का बहुत ही बारीकी से अध्ययन करने की आवश्यक्ता होगी।
वित्तीय व्यवस्थाओं की भी हो जानकारी
पटवारी भर्ती परीक्षा की तैयारी में जुटे अभ्यर्थियां को पंचायती राज के साथ ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था से जुड़े पहलुओं पर भी नजर रखनी होगी। जिसमें पंचायतों की वित्तीय स्थिति, राज्य वित्त आयोग का गठन, लेखा समपरीक्षा के साथ ही पंचायतों की अर्थव्यवस्था से जुड़े कार्यों की जानकारी भी परीक्षा में सहायक हो सकती है।

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