ये चल रहीं दो लोकल ट्रेन, बढ़ी मुसीबत
जिले से मात्र दो लोकल ट्रेन चल रही हैं। इसमें शहडोल-बिलासपुर है। जो सुबह 9.30 बजे स्टेशन पर आती है। वहीं दूसरी ट्रेन शहडोल-अंबिकापुर मेमू है जो दोपहर 12.30 बजे स्टेशन पर आती है। इन दोनों को छोड़कर बाकी लोकल ट्रेनें चंदिया-चिरमिरी, अंबिकापुर -शहडोल, चिरमिरी – कटनी, बिलासपुर – कटनी मेमू नहीं चल रही है। लोगों को इन ट्रेनों के चलने से आवागमन का बहुत बड़ा साधन मिल जाता था। वहीं स्पेशल ट्रेनों का छोटे स्टेशनों पर ठहराव नहीं है। इससे लोग स्पेशल ट्रेनों से अपने गंतव्य स्थान तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। बल्कि जिन स्टेशनों पर पहले एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव था। वहां भी स्पेशल ट्रेनों का ठहराव नहीं है। इसके चलते भाई अपनी बहन के घर या बहन अपने भाई के यहां जाने का प्रोग्राम बना रही थी तो उसे कैंसिल करना पड़ रहा है। साधन नहीं मिलने से लोगों का त्यौहार फीका पड़ता दिखाई दे रहा है। ट्रेनों का स्टापेज न होने व पर्याप्त बसों के संचालन न होने से लोग परेशान है।
छोटे स्टेशनों में नहीं है स्पेशल ट्रेनों के लिए स्टॉपेज
चंदिया में पहले कई एक्सप्रेस ट्रेनें रूकती थी। इसमें सारनाथ, अमरकंटक, नर्मदा, उत्कल एक्सप्रेस शामिल हैं लेकिन अब इनमें से कोई भी ट्रेन चंदिया में नहीं रूक रही हैं। इसको लेकर चंदिया के लोगों ने प्रदर्शन कर ज्ञापन भी सौंपा था। इसमें विभिन्न राजनैतिक दलों के साथ सामाजिक संगठनों के लोग भी शामिल थे। इसके बाद भी चंदिया में एक भी स्पेशल ट्रेन का ठहराव नहीं है। इसके अलावा उमरिया में पहले सारनाथ और रीवा-बिलासपुर ट्रेन का ठहराव था लेकिन यहां पर स्पेशल ट्रेनों का ठहराव बंद कर दिया गया है। जिसके चलते यहां के यात्रियों में काफी नाराजगी देखने मिल रही है।
140 बसें, सड़कों पर सिर्फ 50 से 60
बस स्टैंड में 140 बसें हैं जो विभिन्न रूटों पर चलती हैं लेकिन वर्तमान में 50 से 60 बसें ही चल रही हैं। लंबी रूटों पर बसों के चलने से यात्रियों को कुछ राहत है। वर्तमान में इलाहाबाद, बनारस और लखनऊ के लिए बसें चल रही हैं लेकिन नागपुर के लिए बसें बंद हैं। लोकल रूटों पर बसें बंद होने से सवारियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। जिन रूटों पर कई बसें चलती थी उस पर मुश्किल से एक बस चल रही है। किसी रूट पर एक भी बस नहीं चल रही है। लोकल रूटों में रीवा, सीधी, कटनी के लिए बसों का संचालन या तो बंद हो गया है। इन रूटों पर बस चलाने से बस संचालकों को नुकसान हो रहा था। इससे यहां जाने वाले सवारी परेशान हैं। बस स्टैंड पर जाने पर सवारियों को पता चल रहा है कि इस रूट पर बस नहीं चल रही है। ऐसे में उनको ट्रेन का भी सहारा नहीं मिल रहा है। कई बार इन रूट पर सवारियां भी नहीं मिल रही हैं। जिससे बसों को खड़ा कर दिया है।
ट्रेन का भी नहीं सहारा, सिर्फ 17 ट्रेनों का परिचालन
एक तरफ बस संचालकों ने आधी से ज्यादा बसों को बंद कर दिया है। वहीं दूसरी तरफ यात्रियों को ट्रेनों का भी सहारा नहीं मिल रहा है। इसका कारण गिनती के स्पेशल और साप्ताहिक ट्रेनों का चलना है। इन ट्रेनों में जाने के लिए यात्रियों को कंफर्म टिकट नहीं मिल रहा है। ट्रेनों में लंबी वेंटिंग चल रही है। इसको लेकर यात्री परेशान हैं। रेलवे स्टेशन से वर्तमान में 17 ट्रेनें चल रही हैं। इन ट्रेनों में जाने के लिए यात्रियों को कंफर्म टिकट नहीं मिल रहा है। इससे वर्तमान में अपने गंतव्य स्थान जाने के लिए यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।