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mp election 2018 : विधानसभा क्षेत्र में करोड़ों रुपए खर्च, नहीं दिख रहा विकास कार्य

locationशाहडोलPublished: Nov 20, 2018 07:59:38 pm

Submitted by:

shubham singh

रोजगार, शिक्षा व स्वास्थ्य जैसी समस्या बरकरार

mp chunav 2018

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शहडोल। जैतपुर विधानसभा क्षेत्र के
सीमावर्ती क्षेत्र में विकास के
नाम पर करोड़ों रुपये पानी की तरह
बहा दिए गए लेकिन विकास की
इबारत कहीं खड़ी नजर नहीं आ रही
है। रोजगार, शिक्षा व स्वास्थ्य जैसी
समस्याएं आज भी सिर उठाए हुए
हैं। आश्वासनों पर टिके यहां के
आदिवासी परिवार आज भी बेहतर
कल के इंतजार में हैं। आईएपी
योजना के तहत इन सीमावर्ती क्षेत्रों
में विकास कार्यों के नाम पर करोड़ों
रुपये खर्च किए गए फिर भी हाल
बेहाल हैं। आलम यह है कि करोड़ों
की स्वास्थ्य विभाग की इमारतें
बेजान पड़ी हुई हैं जहां मरीज तो हैं
लेकिन उनका इलाज करने वाला
कोई नहीं है। दूर-दराज से ग्रामीण
यहां इलाज कराने आते हैं और
डा?टरों के अभाव में खाली मायूस
लौट जाते हैं। मुख्यालय से दूर होने
की वजह से यहां के मजदूर व गरीब
वर्ग के लोगों के लिए रोजगार के भी
कोई आसार नहीं हैं। इस वजह से
लोग यहां से बड़ी संख्या में पलायन
भी कर रहे हैं। कुछ ऐसा ही हाल
शिक्षा का भी है केशवाही में दो वर्ष
पूर्व कॉलेज खोला गया था जिसके
लिए न तो भवन है और न ही
शिक्षक। यहां सिर्फ नाम के लिए
कॉलेज की स्थापना कर दी गई।
इसके अलावा इस क्षेत्र में कुछ बड़ी
कंपनियों की जमीन और पानी के
लिए तालाबों पर नजर गड़ी हुई है।
इससे आदिवासी इलाकों में एक डर
और असंतोष का माहौल है। पेयजल
भी इस क्षेत्र की एक बड़ी समस्या है।
इस वजह से लोग जनप्रतिनिधियों से
खासे नाराज हैं, इसका चुनाव पर
असर भी दिखेगा।
अस्पतालों में डॉक्टर नहीं-स्कूलों में
शिक्षक नहीं, विकास इसी का नाम है
जैतपुर विधानसभा से दोनो ही
नये चेहरे हैं।
जैतपुरविधानसभा से विधायक रहे
जयसिंह मरावी की जगह इस
बार भाजपा ने मनीषा सिंह को
मैदान में उतारा है वहीं कांग्रेस
ने पिछले चुनाव में हार का
सामना करने वाले ललन सिंह
की जगह उमा धुर्वे को टिकट
दी है। उमा धुर्वे इस क्षेत्र में
पूर्व से ही सक्रिय रही हैं और
जैतपुर विधानसभा क्षेत्र के लोगों के लिए जाना माना चेहरा है। जबकि मनीषा
सिंह के लिए यह नया क्षेत्र है।
इस बार चुनाव में दोनो नए चेहरे

रोजगार पर टिकी उम्मीदें
विधानसभा क्षेत्र में निवास करने
वाले ज्यादा तर युवा बेरोजगार
का दंश झेल रहे हैं। विधानसभा
क्षेत्र में ऐसे कोई छोटे-बड़े
उद्योग नहीं है जिनमें युवाओं
को छोटो-मोटा रोजगार मिल
सके। जो उद्योग स्थापित हैं तो
वहां स्थानीय होने की वजह से
रोजगार मिलने की दूर-दूर
तक संभावनाएं नहीं है। इस
दिशा में स्थानीय जन
प्रतिनिधियों ने भी काई पहल
नहीं की है। यहां कि जनता के
पास मेहनत मजदूरी के अलावा
पलायन ही एक रास्ता बचता
है। ऐसे में रोजगार के माध्यमों
के विकास पर यहां के लोगों
की उ्मीदे टिकी हुई है।

शिक्षा व स्वास्थ्य प्रमुख मुद्दा
नई पीढ़ी के लिए शिक्षा व ग्रामीण
अंचलो में निवास करने वाले लोगों के
लिए स्वास्थ्य सुविधा यहां के प्रमुख
मुद्दे हैं। गंभीर मरीजों को जहां
अन्य जिलों की ओर रूख करना
पड़ता है। वहीं शिक्षा के भी समुचित
संसाधनों का अभाव है।

ये हैं समस्या
चिकित्सकों का अभाव।
शैक्षणिक संसाधनों की कमी।
विद्यालयों में रिक्त पड़े पद।
रोजगार के साधनों का अभाव।
सीमावर्ती क्षेत्रों में जल संकट।
जंगली क्षेत्रो में मूलभूत सुविधाओं
की कमी।
किसानों के लिए सिंचाई के
संसाधनों का अभाव।
2013 का चुनाव परिणाम
प्रत्याशी पार्टी मिले मत
राम कुमार कोल बसपा 4716
शिव चरण पाव निर्दल 5574
राम रतन सिंह गोंगपा 15116
शेष नारायण सिंह सपा 2444
कृष्णपाल सिंह लोजसपा 2062

विधायक निधि में खर्च
जैतपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक
जयसिंह मरावी द्वारा पांच वर्ष में
विधायक निधि से 778.441 लाख के
कार्य स्वीकृत कराए गए। जिसमें से
अब तक 496.239 लाख विकास कार्य में खर्च किए जा चुके हैं।


2013 प्रत्याशी हार जीत का अंतर
भाजपा के जयसिंह मरावी को मिले 65856
कांगे्रेस के लल्लन सिंह को मिले 54650
जय सिंह की जीत का अंतर 11206

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