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ये हैं जयसिंह नगर से टिकट के दावेदार, ये है इनका विजन

locationशाहडोलPublished: Oct 22, 2018 08:59:52 pm

Submitted by:

shivmangal singh

निचले स्तर के लोगों को मजबूत करना पहली प्राथमिकता : फूल सिंह परस्ते

shahdol

ये हैं जयसिंह नगर से टिकट के दावेदार, ये है इनका विजन

शहडोल। जिले की जयसिंहनगर विधानसभा सीट से फूल सिंह परस्ते कांग्रेस से टिकट के लिए दावेदारी कर रहे हैं। इसके लिए फूल सिंह ने अपने स्तर पर तैयारी भी शुरु कर दी है। फूलसिंह परस्ते से पत्रिका ने उनका विजन जाना और उसे अपने पाठकों से साझा भी कर रही है। पत्रिका का प्रयास है कि मतदाता भी जाने कि उनके क्षेत्र से टिकट के लिए जो दावेदारी कर रहे हैं वह क्षेत्र के बारे में क्या सोचते हैं और उनका क्या विजन है।
मजदूरों व निचले तबके के लोगों पर रहेगा ध्यान
विधानसभा क्षेत्र जयसिंहनगर से टिकट की दोवदारी कर रहे फूल सिंह परस्ते का मुख्य विजन आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में निचले तबके के लोगों को ऊपर उठाना व अंतिम छोर में बसे व्यक्ति को विकास की मुख्य धारा से जोडऩा विजन है। फूल सिंह ने बताया कि यहां के ग्रामीण अंचलो में निवास करने वाले लोग आज भी काफी पिछड़े हुए हैं। किसी के पास घर नहीं है तो कोई दो वक्त की रोटी के लिए दिन रात पसीना बहा रहे है। ऐसे वर्ग के लोगों के लिए रोजगार, स्वास्थ्य व शिक्षा मुहैया कराना उनकी प्राथमिकता में शामिल होगा। विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण अंचलो में निवास करने वाले लोगों के समुचित विकास से ही समुचित जिले का विकास संभव है। फूलसिंह परस्ते का मानना है कि जो वास्तव में जरूरत मंद है वह आज भी काफी पिछड़े हुए हैं और उन्हे उनका हक नहीं मिल पाया है। ऐसे लोगों को लाभ पहुंचकर उन्हे मुख्य धारा से जोडऩे की दिशा में प्रयास करने की आवश्यक्ता है। जब तक इनका स्तर ऊपर नहीं उठेगा तब तक हम प्रगति नहीं कर सकते हैं। समाज में अंतिम छोर में बैठे व्यक्ति का विकास प्राथमिकता में शामिल होना चाहिए। इनका विकास तभी संभव होगा जब इन्हे मूलभूत सुविधाएं व बेहतर रोजगार के अवसर मिलेंगे। रोजगार के अभाव में मजदूर वर्ग का पलायन यहां की सबसे गंभीर समस्या है। इसे रोकने की दिशा में प्रयास नहीं किए गए तो एक बहुत बड़ा हिस्सा रोजगार की तलाश में यहां से पलायन कर जाएगा। आदिवासी संस्कृति व कलाओं का संरक्षण न होने की वजह से यहां का आदिवासी समाज पिछड़ रहा है वहीं उनकी आजीविका के प्रमुख साधन जल-जंगल व जमीन का भी लगातार दोहन हो रहा है। जिस वजह से आदिवासी वर्ग पूरी तरह से कमजोर पड़ता जा रहा है। इस वर्ग के हित के लिए व जल-जंगल जमीन के लगातार दोहन को रोकने के लिए वह अपने स्तर पर हर संभव प्रयास करेंगे। जिससे कि आदिवासी समाज के साथ ही इन पर निर्भर हर वर्ग का विकास संभव हो सके।
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