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शुरू होने वाले हैं नवरात्र, जानिए चैत्र नवरात्र के महत्व

locationशाहडोलPublished: Mar 14, 2018 01:12:41 pm

Submitted by:

shivmangal singh

नवरात्र में जाना चाहते हैं माता के दर्शन को मैहर, तो जानिए कौन-कौन सी हैं ट्रेन

Navaratri is going to begin, Know the importance of Chaitra Navaratri

शहडोल- नवरात्र की शुरुआत इसी महीने के 18 मार्च से हो रही है। जिसका इंतजार हर किसी को होता है। साल की शुरुआत में आने वाले नवरात्र को चैत्र नवरात्र कहा जाता है। इस दौरान माता के 9 रुपों की पूजा अर्चना होती है। शहडोल जिले में भी नवरात्र को बड़े उत्साह और भक्ति भाव के साथ मनाया जाता है। जिले की सभी जगह के माता के मंदिरों में पूजा अर्चना करने के लिए भक्तों की भीड़ लगी रहती है।

इस दिन से शुरू हो रहे हैं नवरात्र
नवरात्र की शुरुआत 18 मार्च से हो रही है, जो 25 मार्च तक रहेगी, इस बार के नवरात्र में खास बात ये है कि अष्टमी और नवमी एक ही दिन 25 मार्च को रहेगी। वैसे देखा जाए तो साल में चार नवरात्र होते हैं जिनमें से दो गुप्त नवरात्र होते हैं, वैसे लोग दो नवरात्रों के बारे में ही जानते हैं, चैत्र या वासंतिक नवरात्र और आश्विन या शारदीय नवरात्र, इसके अलावा दो और नवरात्र भी होते हैं जिसमें विशेष कामनाओं की सिध्दि की जाती है। लेकिन चैत्र और आश्विन माह के नवरात्र ही ज्यादा फेमस हैं।

चैत्र नवरात्र का अलग महत्व
चैत्र मास के नवरात्र का अपना एक अलग ही महत्व होता है, क्योंकि इस महीने से शुभता और ऊर्जा का आरंभ होता है। ऐसे समय में देवी की पूजा करना और उनका आशीर्वाद लेना बहुत शुभ माना जाता है। वैसे भी हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र नवरात्रि से ही नए साल की शुरुआत हो जाती है। ऐसे में 9 दिन तक माता की पूजा अर्चना कर साल की शुरुआत करना काफी फलदायी माना जाता है। लोग बड़े ही श्रृद्धा भक्ति के साथ 9 दिन तक माता की पूजा अर्चना करते हैं। नवरात्र के अवसर पर 9 दिन तक व्रत का बहुत महत्व होता है।

कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त
चैत्र नवरात्र में कलश स्थापना चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को की जाती है, इस बार प्रतिपदा शाम 6.32 तक रहेगी, मतलब साफ है शाम 6.32 के पहले ही कलश की स्थापना कर लें, इसमें सुबह 9 बजे से 10.30 बजे तक शुभ समय होगा।

माता के 9 रुपों की पूजा
नवरात्र के पहले दिन शैलपुत्री की पूजा होती है, दूसरे दिन मां ब्रम्हचारिणी की पूजा होती है, तीसरे दिन मां चंन्द्रघंटा, चौथे दिन मां कुष्मांडा, पांचवें दिन स्कंदमाता, छठवें दिन मां कात्यायनी, सातवें दिन मां कालरात्रि, आठवें दिन महादगौरी, नौवें दिन मां सिध्दिदात्री की पूजा की जाती है।

शहर के दुर्गा मंदिर में लगती है भीड़
चैत्र नवरात्र की शुरुआत 18 मार्च से हो रही है, इस दौरान शहर के दुर्गा मंदिर में भक्तों की खासी भीड़ देखने को मिलती है, सुबह से लेकर शाम तक माता के दर्शन के लिए भक्तगण मंदिर पहुंचते हैं। जिले के आसपास जितने भी प्रसिद्ध माता के मंदिर हैं वहां भक्त गण दर्शन के लिए पहुंचते हैं। इसके अलावा मैहर में भी भी मात के दर्शन के लिए जिले के भक्त पहुंचते हैं।

माता के दर्शन के लिए जाना चाहते हैं मैहर तो ये हैं ट्रेन
चैत्र नवरात्र के दौरान ज्यादातर भक्त माता के दर्शन के लिए बाहर भी जाते हैं, जिसमें मैहर ज्यादा तर लोग पहुंचते हैं, और इस शुभ अवसर पर पावन मौके पर माता के दर्शन करना चाहते हैं। अगर शहडोल स्टेशन से बाई ट्रेन आप मैहर जाना चाहते हैं तो यहां से कई ट्रेन मैहर के लिए रवाना होती हैं।

शहडोल से मैहर के लिए ट्रेन
15160 सारनाथ एक्सप्रेस जो सुबह तड़के 3.15 बजे शहडोल स्टेशन पर आती है और सुबह-सुबह 7.08 बजे मैहर पहुंचा देती है।
15232 गोंदिया-बरौनी एक्सप्रेस सुबह 6.15 बजे शहडोल स्टेशन पर आ जाएगी और सुबह 10.43 में मैहर पहुंचा देगी।
51754 चिरमिरी रीवा फास्ट पैसेंजर जो रात 20.05 बजे शहडोल स्टेशन आ जाएगी, और रात 2.03 बजे मैहर स्टेशन पहुंचेगी।
18247 बिलासपुर रीवा एक्सप्रेस जो 23.4 बजे शहडोल स्टेशन पर आएगी, और रात 2.03 बजे मैहर पहुंचा देगी।
18203 बेतवा एक्सप्रेस जो रात 1.55 बजे शहडोल पहुंचेगी और सुबह-सुबह 5.33 में मैहर पहुंचा देगी।

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