script

नवरात्र में राहत की खबर, नहीं बढ़े दाम

locationशाहडोलPublished: Sep 25, 2017 06:15:18 pm

Submitted by:

Shahdol online

केला और सेव की डिमांड बढ़ी

Navratri relief news not increased prices

Navratri relief news not increased prices

शहडोल- पिछले दो साल में ये पहली बार है कि नवरात्र पर्व के दौरान फलों के दाम स्थिर बने हुए हैं। बाहरी फलों की आवक और फुटकर व्यापारियों में प्रतिस्पर्धा इसकी प्रमुख वजह बताई जा रही है। प्रत्येक नवरात्र पर्व पर ३०० पेटी से अधिक सेव एक थोक व्यापारी शहर में खपा देता है।
अनार, अनानश, केला, नासपाती, मौसंमी, कच्चा नारियल, चीमरी, कच्ची मूंगफली सहित बाहरी आम की बिक्री भी बढ़ जाती है। दामों की बात की जाए तो विगत दो साल में नवरात्रि पर्व के दौरान अचानक फलों के दाम बढ़ जाते थे। लेकिन इस साल देवी की अराधना में उपवास कर रहे भक्तों को राहत मिली है, उन्हें वाजिब दामों में फल मिल रहे हैं।
व्यापारियों ने बताया कि इस सीजन में सबसे अधिक डिमांड सेव और केला की रहती है। अभी तक शिमला से सेव का आयात किया जा रहा था, लेकिन अब कश्मीरी सेव की आवक होने के कारण दामों में उछाल नहीं आया है। थोक में व्यापारियों को 40-45 रूपए सेव दिया जाता है, जो कि बाजार में ग्राहकों को 60-80 रूपए में बेचा जा रहा है। नगर में केले का आयात रावेर, जलगांव, भुसाबल से हो रहा है। नासिक के अनार की भरमार भी बनी हुई है। नागपुर से पपीता और अनानश मंगाया जाता है। आंध्रप्रदेश से आम की आवक हो रही है।
नवरात्रि पर्व पर बढ़ी संख्या में महिलाएं उपवास कर देवी अराधना करतीं हैं। उपवास के दौरान, फलों, दूध, आलू सहित अन्य सामग्रियों के दाम अचानक बढ़ जाते हैं। शहर में फलों के 6 थोक व्यापारी हैं। जिनके पास बड़ी मात्रा में फलों की आवक हो रही है। फुटकर व्यापारियों की मानें तो त्यौहार के समय फलों की डिमांड बनी हुई है। शहर की गलियों से लेकर मुख्य बाजार तक फलों की दुकानें लगी हुई हैं। फुटकर व्यापारियों में प्रतिस्पर्धा के कारण भी दाम स्थिर बने हैं।
बाजार में फलों के भाव फल दाम रूपए में

सेव 60-80 (प्रति किलो )
अनार 60 (प्रति किलो )
अनानश 50-60 (नग)
केला 40 (1 दर्जन)
नासपाती 70 (प्रति किलो )
मौसंमी 40-50 (प्रति किलो )
कच्चा नारियल 20 (नग )
आम 150-160 (प्रति किलो )
चीमरी 60 (प्रति किलो )
इसलिए नहीं बढ़े दाम

फलों के थोक व्यापारी गोपाल आसवानी कहते हैं कि कश्मीरी सेव बाजार में आ जाने से सेव के दाम नहीं बढ़े हैं। पर्व पर सबसे अधिक डिमांड सेव और केला की ही होती है।
कॉम्पिटिशन भी एक वजह
फल व्यापारी पुरुषोत्तम गुप्त कहते हैं कि बाजार में फलों की डिमांड बनी हुई है। थोक व्यापारियों के यहां से पर्याप्त मात्रा में फल उपलब्ध हो रहे हैं, इसके अलावा फुटकर व्यापारियों में प्रतिस्पर्धा है। सभी लोग दो पैसा बचाना चाहते हैं। जिस कारण दामों में उछाल नहीं है।

ट्रेंडिंग वीडियो