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एक साल में इस शहर की आबादी हो जाएगी डेढ़ गुनी और मुसीबतें कई गुनी

locationशाहडोलPublished: Jan 26, 2018 12:23:34 pm

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Shahdol online

शहर में हो बदलाव को लेकर प्रशासन है बेखबर, लोगों को हो रही परेशानी

Need good traffic palnning
शहडोल- इस शहर की आबादी एक साल के अंदर डेढ़ गुनी होने का अनुमान है। आबादी बढ़ते ही लोगों की समस्याएं भी कई गुना बढ़ जाएंगी। जिसके चलते यहां लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। हालांकि बढ़ती आबादी और वाहनों की संख्या के बढऩे से लोगों को अभी भी परेशानियां हो रहीं हैं। लेकिन प्रशासन इन सब बातों से बेखबर है। शहर तेजी से विस्तार कर रहा है। यहां बड़े संस्थान लगातार स्थापित हो रहे हैं, लेकिन यहां की ट्रैफिक व्यवस्था इसके साथ कदमताल नहीं कर पा रही है। यहां ट्रैफिक पर दिन पर दिन दबाव बढ़ रहा है लेकिन अच्छे यातायात के लिए कोई व्यवस्था नहीं है।
मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज, यूनिवर्सिटी शुरू होने से ट्रैफिक पर दबाव बढ़ रहा है। लेकिन प्रशासन, यातायात और परिवहन विभाग पूरी तरह आंख बंद किए हैं। छात्र-छात्राओं के अलावा फैकल्टी और स्टाफ के पहुंचने से जनसंख्या भी बढ़ेगी। आवागमन के लिए जरूरतें बढ़ेंगीं, लेकिन अव्यवस्थित ट्रैफिक सिस्टम शहर के लिए नासूर बन जाएगा। इस मामले पर अब तक न तो नेता इस दिशा में कोई पहल कर रहे हैं और न ही सरकारी महकमे। स्थिति यह है कि इन तीन बड़े संस्थानों में आवागमन के लिए छात्र छात्राओं को तमाम असुविधाओं के बीच गुजरना पड़ेगा। उधर प्रशासन यातायात और परिवहन ने न तो इन संस्थानों के लिए रूट तय किया है और न ही अभी कोई योजना है।
15-20 हजार बढ़ेगी जनसंख्या
सीए सुशील सिंघल के अनुसार मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेज के अलावा यूनिवर्सिटी शुरू होने से 15 से 20 हजार जनसंख्या में एकाएक बढ़ोत्तरी होगी। इसके अलावा व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में इजाफा होगा। तीन अलग-अलग क्षेत्रों में ट्रैफिक का दबाव भी बढ़ेगा। इन रूटों पर जाने के लिए सिर्फ ऑटो एकमात्र साधन है।
कहीं सकरा रास्ता तो कहीं सड़क खराब
पत्रिका टीम ने तीन बड़े संस्थानों तक पहुंचने वाले रास्तों की पड़ताल की। यहां कहीं पर सड़क काफी सकरी है तो कहीं सड़क खराब है। इसमें मेडिकल कॉलेज और यूनिवर्सिटी पहुंचने वाले मार्ग में गिनती की बसें जाती हैं और सड़क भी खराब है। उधर इंजीनियरिंग कॉलेज पहुंचने के लिए लोगों को हाइवे के बीच से होकर गुजरना पड़ेगा। सबकुछ ठीक रहा तो तीनों संस्थान इसी साल से संचालित होने लगेंगे। फिर भी अब तक इन मार्गो पर सड़क व्यवस्था को लेकर प्लानिंग नहीं की गई है।
यूनिवर्सिटी- सकरा रास्ता, ऑटो भी नहीं
शहर से सटे नवलपुर गांव में यूनिवर्सिटी की बिल्डिंग तैयार की जा रही है। नवलपुर काफी अंदरूनी इलाके में होने के कारण ऑटो से आवागमन भी संभव नहीं है। इस रूट पर बेहद कम बसें भी चलती हैं। ट्रेन का कोई रूट भी नहीं है। यूनिवर्सिटी तक पहुंचने के लिए छात्र- छात्राओं और स्टॉफ को काफी असुविधाओं का सामना करना होगा।
इंजीनियरिंग कॉलेज- हाइवे से होकर रूट
शहडोल रीवा मार्ग में छतवई गांव में इंजीनियरिंग कॉलेज तैयार हो रहा है। शहर से लगभग १० किमी की दूरी पर स्थित छतवई में आवागमन के लिए सिर्फ बसों पर लोग निर्भर हैं लेकिन अब तक इस रूट पर बस चलाने के लिए प्रशासन के पास कोई प्लानिंग नहीं है। जिसके चलते बेहद दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।
मेडिकल कॉलेज, शहर से 10 किमी
कुदरी चांपा मार्ग में मेडिकल कॉलेज की बिल्डिंग तैयार की जा रही है। मेडिकल कॉलेज की बिल्डिंग 80 फीसदी पूरी हो चुकी है। हैंडओवर होने के बाद आने वाले दिनों में मेडिकल कॉलेज संचालित होने लगेगा। शहर से सटे होने के बाद भी गिनती की बसों से आवागमन होता है। ऑटो चालक जाने से परहेज करते हैं और ज्यादा पैसा देने के बाद पहुंचाते हैं। इस रूट में अभी प्रशासन और नपा का कोई वाहन नहीं चलता है।
अभी से तैयार करनी होगी प्लानिंग
रिटायर्ड डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर गोपाल शाह के मुताबिक तीन बड़े संस्थान शुरू होने से व्यापक स्तर पर पब्लिक ट्रंासपोर्ट की जरूरत होगी। प्रशासन को अभी से इस मुद्दे पर गंभीर होना होगा अन्यथा आने वाले दिनों में प्रशासन की अनदेखी से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। हर दिन इन संस्थानों में हजारों लोगों का अवागमन रहेगा। तीन बड़े संस्थानों तक पहुंचने के लिए प्रशासन को रूट तय करना होगा। बस और अन्य वाहन चलाने के लिए बैठक लेनी चाहिए।
प्लान तैयार करेंगे रखा जाएगा प्रस्ताव
यातायात डीएसपी विलास बाघमारे के मुताबिक तीनों शिक्षण संस्थानों तक पहुंचने के लिए बेहतर पब्लिक ट्रंासपोर्ट बेहद जरूरी होगा। इस मुद्दे पर परिवहन विभाग और प्रशासन से बात की जाएगी। संयुक्त रूप से प्लानिंग करके प्रस्ताव तैयार किया जाएगा। जिससे छात्र छात्राओं सहित लोगों को इस रूट में दिक्कत न हो।
बैठक लेंगे, तैयार होगा रूट और प्लान
कलेक्टर नरेश पाल ने कहा हां जिले में मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेज के अलावा यूनिवर्सिटी शुरू होने से ट्रैफिक और पब्लिक ट्रंासपोर्ट बढ़ेगा। पब्लिक ट्रंासपोर्ट के साधन को बढ़ाने के लिए हम बैठक लेंगे। परिवहन विभाग, नगरपालिका, यातायात और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक लेकर कार्ययोजना बनाई जाएगी। हम रूट तैयार करने के अलावा इसके लिए प्लान बनाएंगे।
प्लानिंग बेहद जरूरी, मुद्दा उठाएंगे
मध्यप्रदेश एनएसयूआई प्रदेश सचिव सुमित गुप्ता के मुताबिक छात्रवर्ग से जुड़ा हुआ बड़ा मुद्दा है लेकिन प्रशासन और यातायात परिवहन ने अब तक प्लानिंग नहीं की है। प्रशासन की अनदेखी की वजह से छात्र – छात्राओं के बड़े वर्ग को दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। संस्थान शुरू होने के पहले प्रशासन को रूट तय करना चाहिए। इस मुद्दे को लेकर छात्र संगठन द्वारा मांग की जाएगी। तीनों संस्थानों पर आवागमन के साधन बेहतर करने के लिए छात्र संगठन आगे आएगा।
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