scriptहादसे के बाद भी लापरवाही, 42 सीटर बस में ठसाठस बैठे थे 86 यात्री | Negligence even after accident, 86 passengers were sitting in a 42 sea | Patrika News

हादसे के बाद भी लापरवाही, 42 सीटर बस में ठसाठस बैठे थे 86 यात्री

locationशाहडोलPublished: Feb 24, 2021 08:23:40 am

Submitted by:

Hitendra Sharma

– लंबे समय से चल रहा टूरिस्ट परमिट का खेल- टूरिस्ट परमिट पर बस जा रही थी उत्तरप्रदेश- कार्रवाई कर शहर से 15 किमी दूर आरटीओ कार्यालय में यात्रियों को छोड़ा- भूखे-प्यासे इंतजार करते रहे यात्री

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शहडोल. सीधी में बस हादसा के बाद भी बस ऑपरेटर और परिवहन महकमा सुधरने का नाम नहीं ले रहा। हादसे के बाद भी बसों में ओवरलोडिंग जारी है। 42 सीटर बस में 86 यात्रियों को ठसाठस भरकर छत्तीसगढ़ से उत्तरप्रदेश ले जाया जा रहा था। सोमवार की देर रात यातायात और परिवहन विभाग ने कार्रवाई करते हुए बस को जब्त किया है।

मवेशियों की तरह ठूंस-ठूंसकर भरे यात्री
पुलिस अधिकारियों ने बस को रोककर जांच की तो खुद चौक गए। बस को रोककर जब देखा तो स्लीपर बस में यात्रियों को मवेशियों की तरह ठूंस-ठूंसकर बैठाया गया था, कई स्लीपर सीटों पर तो तीन से चार यात्री ठसाठस बैठे हुए थे। यातायात और परिवहन विभाग ने कार्रवाई करते हुए बस मालिक के खिलाफ 2 लाख 45 हजार का जुर्माना लगाया है। उधर बस मालिक की एक और करतूत सामने आई है। बस मालिक टूरिस्ट परमिट लेकर बस को छत्तीसगढ़ से मध्यप्रदेश के रास्ते उत्तरप्रदेश तक ले जा रहा था। जांच में पता चला है कि ओवरलोड बस जिसका नम्बर सीजी 09 जेएल 0759 जय भोरमदेव के नाम से से रजिस्टर्ड है। जिसमें 36 लोगों की पासिंग पर 86 लोग सवार थे। बस में अधिकांश मजदूर सवार थे, जो उत्तरप्रदेश मजदूरी के लिए जा रहे थे।

टूरिस्ट परमिट के नाम पर सरकार को चूना
बस मालिक पिछले लंबे समय से टूरिस्ट परमिट लेकर बसों को दौड़ा रहे हैं। अधिकारियों से गठजोड़ के चलते अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो रही थी। शहडोल संभाग से हर दिन दस से ज्यादा बसें टूरिस्ट परमिट के नाम पर यात्रियों को बैठाकर गुजरती थी। सीधी हादसे की सख्ती के बाद कलई खुल रही है।

भूखे-प्यासे भटकते रहे यात्री
कार्रवाई के बाद यात्रियों को शहर से 15 किमी दूर परिवहन विभाग के कार्यालय में छोड़ दिया गया था। यहां पर देर रात से दूसरे दिन दोपहर तक यात्री परेशान रहे। देर रात से लेकर मंगलवार दोपहर तक छत्तीसगढ़ के मजदूर परिवार के साथ छोटे-छोटे बच्चो को लेकर भूखे प्यासे यूपी जाने का इंतजार कर रहे थे, लेकिन कोई साधन ही नहीं मिल पाया।

कवर्धा की रहने वाली मजदूर प्यारी बाई का कहना था कि दो वक्त की रोटी के इंतजाम के लिए परिवार के साथ बस में सवार होकर जा रहे थे। मालुम नहीं था कि बस मालिक गड़बड़ी कर रहा है। अब आगे के सफर में भी मुसीबत होगी। सोमवार की रात 12 बजे से भूखे प्यासे बच्चो को लेकर साधन का इंतजार कर रहे हैं। इस दौरान किसी ने कोई खाने पीने का इंतजाम तक नहीं कराया गया है। यहां शहर से दूर आरटीओ कार्यालय में साधन का इंतजार कर रहे हैं। छोटे-छोटे बच्चे है जो भूख प्यास से परेशान हैं।

बस मालिक ने खड़े किए हाथ
अधिकारियों के अनुसार, यात्रियों को दूसरे वाहन से भेजने का प्रयास भी किया गया। इस दौरान दो बसों को बुक किया गया। जिसके लिए 80 हजार रुपए का खर्च आ रहा था लेकिन बस मालिक ने हाथ खड़े कर दिए। बाद में अधिकारियों ने दूसरे माध्यम से बस बुक कराते हुए गंतत्व तक भेजने का प्रयासकिया।

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