टूटी हुई है हेडलाइट
जिले में विभिन्न रूटों पर लगभग 200 बसें संचालित होती हैं। बस स्टैंड से संचालित हो रही कई बसों में हेडलाइट टूटी हुई हैं। बसें पूरी तरह से जर्जर हो चुकी हैं। बसों की हालत यह है कि बसें सड़क पर दौडऩे लायक तक नहीं बची हैं। बसें कभी भी दुर्घटना का शिकार हो सकती हैं। इसके बाद भी परिवहन विभाग इन बसों को चलने के लिए परमिट प्रदान कर रहा है। इससे परिवहन विभाग के अधिकारियों पर अंगूली उठ रही है।
नहीं लगें है अग्निशमन यंत्र
परिवहन विभाग के नियमानुसार बसों में अग्निशमन यंत्र लगे होने चाहिए ताकि अगर अचानक बसे में कोई आगजनी की घटना होती है तो उस पर तत्काल काबू पाया जा सके लेकिन गुरुवार को जब बसों का निरीक्षण किया गया तो कई बसों से अग्निशमन यंत्र गायब मिला। ऐसे में अगर अचानक आगजनी जैसी कोई घटना होती है फिर उस पर काबू करना मुश्किल हो जाएगा। बसों की हालत यह है कि कई बसों की सीटें पूरी तरह से टूट चुकी हैं। बसों में केवल लोहे लगे हैं। इन सीटों पर यात्री मजबूरी में ही बैठ पा रहे हैं। यात्री किराया तो पूरा चुका रहे हैं लेकिन सुविधा के नाम पर इन बसों में यात्रियों को कुछ भी नहीं मिल रहा है।