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अरबों के संस्थानों को चाहिए करोंड़ों की सड़कें

locationशाहडोलPublished: Aug 13, 2018 07:02:15 pm

Submitted by:

shivmangal singh

बदहाल सड़क से होकर गुजरना मजबूरी: वैकल्पिक व्यवस्था भी नहीं, अरबों खर्च कर छह बड़े शिक्षण संस्थान तैयार, पहुंचने के लिए अब सड़क ही नहीं

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अरबों के संस्थानों को चाहिए करोंड़ों की सड़कें

शहडोल. सरकार ने विकास के नाम पर भले ही संभाग में बड़े शिक्षण संस्थानों के लिए बिल्डिंग तैयार कर दी हो लेकिन हकीकत यह है कि यहां तक पहुंचने के लिए सड़क ही नहीं है। कहीं गढ्डे और दलदल से होकर गुजरना मजबूरी है तो कहीं पर बदहाल और जर्जर सड़कों से होकर जाना पड़ता है। जिम्मेदार अफसर और निर्माण एजेंसियों की बड़ी लापरवाही उजागर हुई है। शहडोल के मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज, पंडित शंभूनाथ यूनिवर्सिटी नवलपुर के अलावा विचारपुर खेल परिसर, ज्ञानोदय स्कूल और एकलव्य स्कूल धुरवार तक पहुंचने में लोगों को काफी मशक्कत करनी पड़ती है। इन छह बिल्डिंग में कुछ का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है तो कुछ निर्माणाधीन हैं। इसके बाद भी पहुंच मार्ग अब तक नहीं बन सका है। विभागीय अफसरों का अक्सर यहां जाना आना लगा रहता है लेकिन पहुंच मार्ग के लिए किसी ने गंभीरता नहीं दिखाई।

 

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मेडिकल कॉलेज: तीन किमी में एक सैकड़ा गड्ढे
शहर से सटे कुदरी चांपा में मेडिकल कॉलेज की बिल्डिंग निर्माणाधीन है। ३०३ करोड़ की लागत से बिल्डिंग का काम लगभग ९० प्रतिशत हो गया है। यहां तक पहुंचने के लिए बेहतर सड़क ही नहीं है। बस स्टैण्ड से कॉलेज तक पहुंचने में एक सैकड़ा गड्ढे और कीचड़ के बीच से होकर गुजरना पड़ता है।

यूनिवर्सिटी: बस्ती, जर्जर सड़क और संकरा रास्ता
शहर से लगभग 15 किमी दूर नवलपुर में पंडित शंभूनाथ शुक्ल यूनिवर्सिटी भवन निर्माणाधीन है। बस्ती के बीच से सकरा और जर्जर रास्ता है। पहुंचने के लिए सुगम रास्ता नहीं है। आने वाले समय में लोगों को दिक्कतें होंगी। हालांकि एक कंपनी ने सड़क निर्माण कराने का जिम्मा लिया है।
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इंजीनियरिंग कॉलेज: खेतों से होकर जाते हैं कॉलेज
हाइवे में निर्माणाधीन इंजीनियरिंग कॉलेज में खेतों के बीच से होकर गुजरना पड़ता है। दरअसल अब तक यहां पहुंचने के लिए सड़क ही नहीं बनी है। 34.65 करोड़ की लागत से निर्मित इंजीनियरिंग कॉलेज तक पहुंचने के लिए सड़क की प्लानिंग है लेकिन अभी गिट्टी मुरूम तक नहीं डाला गया है।

एकलव्य स्कूल: पगडंडी रास्ता, उखड़ गई सड़क
धुरवार में करोड़ों की लागत से शासन ने एकलव्य आवासीय स्कूल बनवाया है। यहां पर स्कूल का संचालन भी हो रहा है लेकिन सड़क कुछ सालों में ही उखड़ गई। स्थिति यह है कि पगडंडी रास्ते से होकर स्कूल तक जाना पड़ता है। बारिश के दिनों में काफी दिक्कतें होती हैं।
ज्ञानोदय स्कूल और क्रीड़ा परिसर: सुगम रास्ता नहीं
शहर से सटे विचारपुर में ज्ञानोदय स्कूल और बालक क्रीड़ा परिसर का निर्माण करोड़ों की लागत से किया गया है लेकिन यहां तक पहुंचने के लिए सुगम रास्ता नहीं है। दो बड़े संस्थान होने के बावजूद बेहतर पहुंच मार्ग न होने के वजह से कई असुविधाओं का खामियाजा उठानापड़ता है।
बकायदा तैयार होना चाहिए सड़क का प्लान
अधिकांश जगहों पर बड़ी बड़ी बिल्डिंग तो तैयार कर दी गई है लेकिन पहुंच मार्ग न होने से ये उपयोगहीन साबित हो जाती हैं। निर्माण एजेंसियों का पहले से कोई प्लान ही नहीं था। निर्माण एजेंसियों को बकायदा प्लान के साथ बिल्डिंग के अलावा सड़कों का निर्माण कराना चाहिए। निर्माण एजेंसियों की लापरवाही है। इस दिशा में ध्यान न देने से लोगों को काफी असुविधाओं का सामना करना पड़ेगा।
एचबी नगाइच, रिटायर्ड एसडीओ।
जल्द करेंगे सड़कों के लिए बेहतर व्यवस्था
इन बड़े शिक्षण संस्थानों तक पहुंचने के लिए बेहतर मार्ग होना बेहद जरूरी है। इस संबंध में निर्माण एजेंसी और अधिकारियों से चर्चा की जाएगी। शिक्षण संस्थानों तक पहुंचने के लिए सड़कों के निर्माण के लिए प्लान तैयार कराया जाएगा। जहां पर सड़कों के मरम्मत की जरूरत है, वहां जल्द मरम्मत कार्य कराया जाएगा।
जेके जैन, कमिश्नर।

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