scriptडंप करने ट्रेंचिंग ग्राउंड नहीं, खुले में बना दिया कचरे का पहाड़ | Not a trenching ground to dump, a mountain of garbage made in the open | Patrika News

डंप करने ट्रेंचिंग ग्राउंड नहीं, खुले में बना दिया कचरे का पहाड़

locationशाहडोलPublished: Sep 20, 2019 12:34:48 pm

Submitted by:

lavkush tiwari

संक्रमण फैलने का खतरा,

Not a trenching ground to dump, a mountain of garbage made in the open

Not a trenching ground to dump, a mountain of garbage made in the open

शहडोल। साफ-सफाई को लेकर अफसर और नगरीय निकाय कितनी गैर जिम्मेदार है, इसका अंदाजा शहर से सटे जमुआ में कचरे का पहाड़ देखकर लगाया जा सकता है। नगरपालिका द्वारा नगर के समीपी गांव जमुआ में खुले मैदान में नजूल की जमीन पर कचरे का निष्पादन किया जा रहा है। सूखा और गीला कचरा एक ही स्थान में निष्पादित किए जाने के कारण जमुआ और जमुई सहित आसपास के गांव में संक्रमण के कारण महामारी की संभावना बनी हुई है। गीला और सूखा कचरा सडऩे के बाद आसपास के लोगों का सांस लेना और वहां से गुजरना मुश्किल हो रहा है। लगभग 5 एकड़ क्षेत्र में नपा द्वारा बिना बाउंड्रीवाल निर्माण कराए और ट्रेंचिंग ग्राउंड तथा कंपोजिट टैंक निर्माण कराए खुले मैदान में कचरे का निष्पादन किया जा रहा है।
39 वार्डो से हर दिन उठाव में निकलता है 25 टन कचरा
नगर के 10 जोन और 39 वार्डों में प्रतिदिन लगभग 20 से 25 टन कचरे का निष्पादन जमुआ स्थित कचरा टंचिंग मैदान में किया जा रहा है। बताया गया है कि सूखा और गीला कचरे का अलग अलग निष्पादन नहीं कराए जाने से आस पास क्षेत्र में बदबू और सडांध से लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
11 मैजिक और 6 टैक्टर और एक जेबीसी
नपा द्वारा प्रतिदिन घर घर कचरा उठाव कराने के लिए ११ मैजिक वाहनों के साथ ही 6 टैक्टरों के माध्यम से कचरे का उठावकर दिन भर में 5 राउंड वाहनों से कचरा डंप किया जाता है। बताया गया है कि नपा द्वारा नगर की सफाई के लिए लगभग 183 सफाई कर्मचारियों के माध्यम से कचरे का उठाव और नगर की सफाई कराई जाती है। कचरा सीधे जमुआ ले जाकर डंप कर दिया जा रहा है।
जानवरों का डेरा, ग्रामीण कर रहे शिकायत
जमुआ स्थित कचरा डंपिंग क्षेत्र में पशुओं का जमावड़ा हर समय बना रहता है। कचरा गाड़ी पहुंचते ही जानवर डंप किए गए कचरे में अपने भोजन की तलाश में जुट जाते हैं और कचरा तथा पालीथिन खाकर अपना पेट भरते हैं, जिसके कारण पशुओं में बीमारी होने का भय बना रहता है। लगभग 50 से अधिक श्वानोंं का डेरा बना हुआ है, जहां कचरा गाड़ी पहुंचते ही कुत्ते भी भोजन की तलाश में लग जाते हैं और। पशुओं को श्वानों के आतंक और काटने से कई पशु अब तक कुत्तों के शिकार हो चुके हैं। बताया गया है कि पशु और श्वान अपने भोजन की तलाश में वहां जाने वाले सफाई कर्मियों के ऊपर भी हमला करने से नहीं चूकते, जिससे सफाई कर्मियों को श्वानों और जानवारों से बचाव के लिए लाठी और डंडे का सहारा लेना पड़ता है। जमुआ और जमुई सहित आसपास के ग्रामीणों ने पर्यावरण विभाग सहित नपा, कलेक्टर और कमिश्नर से जन सुनवाई के दौरान कई बार महामारी और आसपास खेतों में पालीथिन की समस्या को लेकर शिकायत भी दर्ज कराए हैं, लेकिन इस मामले को लेकर नपा गंभीर नहीं है।
अलग से बनाया जाएगा ट्रेंचिंग ग्राउंड
जमुआ में अस्थाई तौर पर कचरे का निष्पादन किया जा रहा है। जल्द ही कचरे निष्पादन के लिए शहर के बाहर ट्रेंचिंग ग्राउंड की बाउंड्रीवाल और कंपोजिट टैंक का निर्माण कराने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। जल्द ही जमुआ में कचरा डंप बंद कराया जाएगा।
अजय श्रीवास्तव, सीएमओ
नगरपालिका, शहडोल
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