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नर्सों के सहारे जच्चा-बच्चा, जमीन पर लेट रही प्रसूताएं, राउंड नहीं करते डॉक्टर

locationशाहडोलPublished: Jul 14, 2019 04:59:22 pm

Submitted by:

amaresh singh

हर दिन पहुंचती हैं 20 से 25 प्रसूताएं, नहीं मिल पाता है इलाज के लिए बेड

Nurses, mother-in-law layers on ground

नर्सों के सहारे जच्चा-बच्चा, जमीन पर लेट रही प्रसूताएं, राउंड नहीं करते डॉक्टर

शहडोल। संभाग की सबसे बड़ी सरकारी अस्पताल शहडोल के प्रसूता वार्ड में इन दिनों व्यवस्थाएं पटरी से उतर चुकी हैं। नर्सो के भरोसे जच्चा बच्चा हैं। स्त्री रोग से जुड़े विशेषज्ञों का नियमित राउंड भी नहीं हो रहा है। मजबूरन प्रसूता वार्ड में मौजूद नर्स ही प्रसव करा रही हैं। सबसे खराब हालात तो रात के वक्त होते हैं। रात होते ही पूरा वार्ड खाली हो जाता है। यहां सिर्फ नर्स के भरोसे छोड़ दिया जाता है। ऐसा भी नहीं है कि इसकी जानकारी अस्पताल प्रबंधन और प्रशासन को न हो। इसके बाद भी इस दिशा में कोई प्रभावी पहल नहीं की जा रही है। डॉक्टरों की नियमित जांच और इलाज न मिलने का खामियाजा ग्रामीण अंचलों से पहुंचने वाली आदिवासी प्रसूताओं को भुगतना पड़ रहा है। पर्याप्त इलाज न मिलने से तो कई प्रसूताएं निजी अस्पतालों का सहारा ले रही हैं। संभाग की सबसे बड़ी अस्पताल होने की वजह से शहडोल के अलावा उमरिया, अनूपपुर, डिंडौरी और छत्तीसगढ़ के जनकपुर तक से प्रसूताएं यहां इलाज के लिए पहुंचती हैं।


वार्ड में सिर्फ 20 बेड, जमीन में पैर रखने जगह नहीं
प्रबंधन अस्पताल कायाकल्प बदलने में भले ही तमाम प्रयास कर रहा हो लेकिन बुनियादी सुविधाओं पर फोकस नहीं है। यहां सिर्फ 20 बेड हैं। हर दिन यहां पर 20 से 25 प्रसूताएं पहुंचती हैं। एएनसी और पीएनसी प्रसूताओं को कई बार बेड नहीं मिलता है। इस स्थिति में जमीन में ही लेटना पड़ जाता है। अस्पताल में बेड न होने से हालात यह है कि कई प्रसूताएं जमीन पर लेटकर इलाज करा रही हैं। सबेजिससे प्रसूता वार्ड के भीतर पैर रखने के लिए भी जगह नहीं है। सबसे ज्यादा प्रसव के वक्त दिक्कतें होती हैं।


वार्ड में डॉक्टर तो खाली हो जाता है ओपीडी
जानकारी के अनुसार, जिला अस्पताल के प्रसूता वार्ड के लिए चार डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई गई है। कई मर्तबा ट्रेनिंग और छुट्टी में जाने से पूरा वार्ड बिना डॉक्टरों के चलता है। कोई वैकल्पिक व्यवस्था न होने से डॉक्टर ही नहीं रहते हैं और नर्सो को प्रसव कराना पड़ता है। उधर मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों की ड्यूटी प्रसूता वार्ड में होने की वजह से पूरा ओपीडी ही खाली हो जाता है। जिससे प्रसूता महिलाओं का काफी परेशानी की होती है, और इलाज समय पर नहीं मिल पाता। इस संबंध में सीएमएचओ डॉ राजेश पांडे ने कहा कि डॉक्टरों की ड्यूटी के लिए बात करता हूं। बेहतर व्यवस्था कराई जाएगी। बेड बढ़ाने प्रयास किया जाएगा।

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