प्यूबा मशीन और बेड मॉनीटर की खरीदी
विभागीय जानकारी के अनुसार पिछले डेढ़ सालों में डीएमएफ राशि से पलंग, पंखा कूलर और कई मशीनों को खरीदा गया है। इसमें प्यूबा मशीन (सफेद दाग की सेकाई), आईसीयू बेड मॉनीटर, सोनोग्राफी मशीनों की खरीदी की जा चुकी है। इसके अलावा सिटी स्कैन मशीन खरीदने की प्लानिंग चल रही है। स्थिति यह है कि प्यूबा मशीन में गिनती के मरीजों का इलाज हो रहा है, उधर आईसीयू बेड मॉनीटर अब तक इंस्टाल ही नहीं किए गए हैं। जिससे मरीजों को लाभ नहीं मिल पा रहा है।
कोयलांचल क्षेत्र को ही भूले अफसर
कॉलरी से आने वाले भारी भरकम डीएमएफ का उपयोग कोयलांचल में ही नहीं किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने सिर्फ मुख्यालय स्तर में ज्यादा फोकस किया है, जबकि कोयलांचल क्षेत्रों के लिए कोई भी मशीनों की खरीदी नहीं की गई है। जिससे कोयलांचल के लोगों को ही डीएमएफ से कोई भी लाभ नहीं मिला है।
एक नजर : डीएमएफ की हकीकत
= सिविल सर्जन के लिए 2016 – 17 में 17.49 लाख स्वीकृत।
=2016 – 17 में डीएमएफ से सीएमएचओ को स्वास्थ्य विभाग से जुड़े ४ कार्यो के लिए 2 करोड़ स्वीकृत।
=वर्ष 2016 – 17 में डीएमएफ से सीएमएचओ को 89 लाख स्वीकृत
=प्यूबा मशीन, बेड मॉनीटर, पंखा, कूलर सोनोग्राफी मशीन सहित कई स्वास्थ्य विभाग के उपकरणों की खरीदी।