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काले हीरे की कमाई को मिट्टी में मिला रहे अफसर

locationशाहडोलPublished: Jan 14, 2018 03:21:17 pm

Submitted by:

shivmangal singh

करोड़ों रुपए की मशीनें खरीदीं हो रहीं कबाड़, लोगों को नहीं मिल रहा फायदा

Officers getting black diamonds earned in soil

Officers getting black diamonds earned in soil

शहडोल. कोयलांचल में काले हीरे की कमाई को अफसर मिट्टी में मिला रहे हैं। कोयला खनन से मिल रहे फंड से जो मशीनें खरीदी गई है, वे पैक रखीं हैं और धूल खा रहीं हैं, लेकिन अफसरों की नींद नहीं टूट रही है। खनिज निधि से आने वाली भारी भरकम राशि का उपयोग स्वास्थ्य विभाग में मशीनों को खरीदने के लिए किया जा रहा है। पिछले डेढ़ साल में डीएमएफ राशि का लगभग तीन करोड़ से ज्यादा बजट स्वास्थ्य विभाग को दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने कीमती मशीनों की खरीदी कर ली है। आश्चर्य की बात तो यह है कि कई मशीनों को अब तक इंस्टाल ही नहीं किया गया है। गिनती की कुछ मशीनों को इंस्टाल किया गया है वह भी एक्सपर्ट न होने से धूल खा रही हैं। डीएमएफ का स्वास्थ्य विभाग में मनमानी तरीके से खर्च किया जा रहा है। विशेषज्ञ न होने से डीएमएफ से खरीदी की गई मशीनें उपयोगहीन साबित हो रही हैं। सूत्रों की मानें तो डीएमएफ का स्वास्थ्य विभाग में सबसे ज्यादा जिला मुख्यालय में ही किया गया है, जबकि कई दूरांचल के गांवों को इसका लाभ नहीं मिल पाया।

प्यूबा मशीन और बेड मॉनीटर की खरीदी
विभागीय जानकारी के अनुसार पिछले डेढ़ सालों में डीएमएफ राशि से पलंग, पंखा कूलर और कई मशीनों को खरीदा गया है। इसमें प्यूबा मशीन (सफेद दाग की सेकाई), आईसीयू बेड मॉनीटर, सोनोग्राफी मशीनों की खरीदी की जा चुकी है। इसके अलावा सिटी स्कैन मशीन खरीदने की प्लानिंग चल रही है। स्थिति यह है कि प्यूबा मशीन में गिनती के मरीजों का इलाज हो रहा है, उधर आईसीयू बेड मॉनीटर अब तक इंस्टाल ही नहीं किए गए हैं। जिससे मरीजों को लाभ नहीं मिल पा रहा है।
कोयलांचल क्षेत्र को ही भूले अफसर
कॉलरी से आने वाले भारी भरकम डीएमएफ का उपयोग कोयलांचल में ही नहीं किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने सिर्फ मुख्यालय स्तर में ज्यादा फोकस किया है, जबकि कोयलांचल क्षेत्रों के लिए कोई भी मशीनों की खरीदी नहीं की गई है। जिससे कोयलांचल के लोगों को ही डीएमएफ से कोई भी लाभ नहीं मिला है।
एक नजर : डीएमएफ की हकीकत
= सिविल सर्जन के लिए 2016 – 17 में 17.49 लाख स्वीकृत।
=2016 – 17 में डीएमएफ से सीएमएचओ को स्वास्थ्य विभाग से जुड़े ४ कार्यो के लिए 2 करोड़ स्वीकृत।
=वर्ष 2016 – 17 में डीएमएफ से सीएमएचओ को 89 लाख स्वीकृत
=प्यूबा मशीन, बेड मॉनीटर, पंखा, कूलर सोनोग्राफी मशीन सहित कई स्वास्थ्य विभाग के उपकरणों की खरीदी।
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