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निगरानी तक सीमित अफसर, नहीं कट रहे ई-चालान

locationशाहडोलPublished: Feb 17, 2020 11:27:42 am

Submitted by:

ajay gupta

निगरानी तक सीमित अफसर, नहीं कट रहे ई-चालान

Officers limited to surveillance, e-challans not being cut for ten mon

निगरानी तक सीमित अफसर, नहीं कट रहे ई-चालान

शहडोल। शहर के दर्जनों प्वाइंट पर लगाए गए कैमरों से अफसर सिर्फ निगरानी तक ही सीमित हैं। दस माह से शहर में ई- चालान ही नहीं कट रहे हैं। दरअसल शहर में यातायात नियमों को तोडऩे वालों के खिलाफ पुलिस ने ई-चालान व्यवस्था शुरू की थी। इस व्यवस्था को शुरू करने मकसद था कि लोग यातायात नियम का पालन करें। हर चौराहों पर लाल बत्ती जलने के बाद भी जो लोग यातायात नियम तोड़कर वाहनों को लेकर आगे बढ़ जाते हैं, उन पर जुर्माने की कार्रवाई की जा सके। साथ ही हेलमेट लगाने पर जोर देना था। शहर में पिछले दस माह से यातायात नियमों को तोडऩे वालों के खिलाफ ई-चालान बंद है। अप्रैल 2019 के बाद किसी भी वाहन का ई-चालान नहीं किया गया है। अधिकारी भी इस दिशा में कोई प्रभावी प्रयास नहीं कर रहे हैं।
149 वाहनों पर ई-चालान से जुर्माना
शहर में अक्टूबर 2018 के बाद से लेकर अप्रैल 2019 तक में 149 वाहनों पर ई-चालान के तहत 43 हजार 400 रुपए जुर्माना वसूला है। अप्रैल 2019 के बाद ई-चालान किसी वाहन का नहीं हुआ है। इससे यातायात नियम तोडऩे वालों में किसी प्रकार भय नहीं है। लोग लालबत्ती जलने के बाद भी धड़ल्ले से यातायात नियम तोड़कर वाहनों को आगे बढ़ा ले जा रहे हैं। जब ई-चालान हो रहा था तो लोगों में यातायात नियम तोडऩे में भय व्याप्त हो गया था। शहर में अक्टूबर 2019 से ई-चालान व्यवस्था शुरू हुई थी। अक्टूबर माहमें पुलिस ने ई-चालान कर 3250 रुपए जुर्माना वसूला। नवंबर माह में 29 हजार, दिसंबर में 1150 रुपए, जनवरी में ई-चालान करते हुए 3250 रुपए, मार्च में 6250 रुपए और अप्रैल में 500 रुपए जुर्माना वसूला गया था।
अफसरों की दलील: ई- चालान के लिए नहीं हैं कर्मचारी
ई- चालान के लिए भी अब अफसर कर्मचारियों की कमी होने की दलील दे रहे हैं। यातायात विभाग के कर्मचारियोंं का कहना है कि पर्याप्त स्टॉफ नहीं हैं। इसकी वजह से ई चालान सिस्टम लागू नहीं कर पा रहे हैं।
फोटो के साथ घर भेजते थे नोटिस
पूर्व में यातायात विभाग शहर के अलग- अलग जगहों से कैमरे के माध्यम से निगरानी करता था। मोबाइल पर बात करते हुए, हेलमेट न लगाने और तीन सवारी के साथ बिना नंबर होने पर कैमरे से स्क्रीनशॉट लेते थे। इस फोटो को संबंधित वाहन मालिक के घर नोटिस भेजा जाता था। इससे काफी सुधार भी आया था।

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