इनका कहना है
डेंटिस्ट डॉक्टर की ड्यूटी गायनिक डिपार्टमेंट में लगाई गई है जो मॉनीटरिंग व फाइल वर्क का काम देख रही है।
डॉ. नागेन्द्र सिंह, अस्पताल अधीक्षक, मेडिकल कॉलेज शहडोल।
तीन गायनिक विशेषज्ञ डॉक्टर मौजूद पर ड्यूटी रोस्टर में नाम ही नहीं
शाहडोल
Published: April 29, 2022 12:01:27 pm
शहडोल. बिरसा मुंडा मेडिकल कॉलेज शहडोल में इन दिनों प्रसूता वार्ड में डेंटिस्ट और मेडिकल कॉलेज प्रसूताओं का इलाज कर रहे हैं। स्पेशलिस्ट होने के बावजूद दंत रोग डॉक्टर और जेआर की ड्यूटी लगाई गई है। संभागीय मुख्यालय में बने बिरसा मुंडा मेडिकल कॉलेज में शहडोल, उमरिया, अनूपर के साथ ही छत्तीसगढ की सीमा तक के मरीज इलाज के लिए आते है। आधुनिक संसाधनों से लेस मेडिकल कॉलेज में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी लोगों को यह आस रहती है लेकिन ये चिकित्सा संस्थान अव्यवस्थाओं व समस्याओं से घिर गई है। पिछले दस दिन से ज्यादा समय से मेडिकल कॉलेज के गायनिक डिपार्टमेंट में डेंटिस्ट महिला डॉक्टर मरीजों का इलाज कर रही है। मेडिकल कॉलेज द्वारा जारी रोस्टर के अनुसार डेंटिस्ट डॉक्टर के साथ कई और मेडिकल ऑफीसर की ड्यूटी लगाई गई है। प्रबंधन की मानें तो मेडिकल कॉलेज में तीन गायनिक विशेषज्ञ है लेकिन 9 दिनों की ओबीजीवाय ड्यूटी रोस्टर में किसी भी विशेषज्ञ की ड्यूटी नहीं लगाई गई।
गायनिक विशेषज्ञ ने नहीं लिया अवकाश
मेडिकल कॉलेज में इन दिनों तीनों गायनिक विशेषज्ञ किसी प्रकार का अवकाश नहीं लिया है बावजूद इसके डॉक्टरों की ड्यूटी नहीं लगाया गया है। इस चिकित्सा संस्थान में प्रंबधन की लापरवाही का खामियाजा मरीजों को उठाना पड़ रहा है। प्रबंधन के द्वारा जिम्मेदारी को लेकर उदासीनता बरती जा रही है जिसके कारण यहां गायनिक विशेषज्ञों को ड्यूटी कराने से बचाया जा रहा है।
गायनिक के मरीज के लिए बना दो वार्ड
मेडिकल कॉलेज में गायनिक के लिए 30-30 बिस्तर के दो वार्ड बनाये गये है जो वर्तमान में दोनो वार्ड मरीजों से भरा हुआ है वहीं आवश्कता पडऩे पर प्रबंधन द्वारा 15 से 20 बिस्तर का वार्ड और बना लिया जाता है। हर दिन यहां प्रसूताओं से लेकर अन्य महिला संबंधी जांच व ऑपरेशन के लिए मरीज आते है। प्रबंधन द्वारा 22 अप्रेल से लेकर 30 अप्रेल के जारी ओबीजीवाय ड्यूटी रोस्टर में गॉयनिक विशेषज्ञयों की ड्यूटी न लगा कर मेडिकल आफीसर व डेंटल महिला डॉक्टर की ड्यूटी लगा दिया गया है। जो बीते चार दिनों से अपनी जिम्मेदारी निभा रहे है। सवाल यह उठता है कि संवेदनशील डिपार्टमेंट में डेंटल डॉक्टर के द्वारा मरीजों का महिला संबधी बिमारी का कैसे इलाज किया जा सकता है।
इनका कहना है
डेंटिस्ट डॉक्टर की ड्यूटी गायनिक डिपार्टमेंट में लगाई गई है जो मॉनीटरिंग व फाइल वर्क का काम देख रही है।
डॉ. नागेन्द्र सिंह, अस्पताल अधीक्षक, मेडिकल कॉलेज शहडोल।
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